नई दिल्ली (New Dehli)। दिल्ली (Delhi)के तथाकथित शराब घोटाले में तीन जनवरी को ईडी के सामने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Chief Minister Arvind Kejriwal) पूछताछ में शामिल (Involved)होंगे की नहीं इसपर संशय (Doubt)बरकरार है। ईडी ने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री को तीसरी नोटिस जारी किया है। आम आदमी पार्टी (आप) कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में ईडी को लेकर पूछे सवाल में मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इस मामले में कानूनी पहलुओं का ध्यान में रखते हुए फैसला होगा। हमारी लीगल टीम इसपर अपनी बात रखेगी। ईडी की तरफ से तीन बार नोटिस जारी हो चुका है। इसका आगे कानूनी रूप से क्या प्रभाव पड़ेगा। इसे लेकर वरिष्ठ वकीलों के साथ बैठकें जारी है। ईडी ने इससे पहले नवंबर, फिर दिसंबर में भी दो बार नोटिस जारी कर चुकी है। मगर दोनों बार केजरीवाल पेश नहीं हुए।
कानून के मुताबिक कदम उठाएंगे
प्रियंका कक्कड़ ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन पर पार्टी कानून के मुताबिक कदम उठाएगी। केजरीवाल के पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने पर उन्होंने कहा, ‘इस सवाल का जवाब हमारी कानूनी टीम ही बेहतर दे सकेगी। हम कानून के अनुसार काम करेंगे।’ आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी की ओर से यह तीसरा नोटिस है। इससे पहले दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी समन जारी किये थे, लेकिन केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने ईडी के पहले के समन को ‘अवैध’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था।
क्यों भेजा नोटिस
ईडी ने दिल्ली की शराब नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल को बुधवार को तलब किया है। आप सरकार की शराब नीति का उद्देश्य शराब की सेल बढ़ाना, व्यापारियों के लिए बिक्री-मात्रा आधारित व्यवस्था को लाइसेंस शुल्क-आधारित व्यवस्था से बदलना था। इसके तहत दिल्ली में पहली बार शराब की खरीद पर छूट और ऑफर दिए किए। हालांकि इस योजना को तब झटका लगा जब उपराज्यपाल सक्सेना ने नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की। इसके परिणामस्वरूप अंततः नीति को वापस ले लिया गया।
ईडी ने आरोप लगाया है कि आप को शराब नीति को अंतिम रूप देने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी और इसका एक हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था। एजेंसी ने दावा किया है कि तथाकथित ‘साउथ ग्रुप’ से प्राप्त ये रिश्वत आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली और दिनेश अरोड़ा की मदद से पूर्व आप कम्युनिकेशन प्रभारी विजय नायर को हस्तांतरित की गई थी।
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