– सभी जवानों की पार्थिव देह सेना ने हिमस्खलन स्थल से रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बरामद किए
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के कामेंग सेक्टर के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फीले तूफान (Snow storm) में 6 फरवरी की शाम को फंसे सेना के सातों जवान शहीद (Seven soldiers of the army martyred) हो गए हैं। गश्ती दल के सभी सात जवानों की पार्थिव देह भारतीय सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मंगलवार को बरामद कर ली हैं। हिमस्खलन के बाद से 19 जेएके राइफल्स के इन जवानों को तलाशने के लिए सेना ने विशेष टीमों को एयरलिफ्ट करके खोज एवं बचाव कार्य शुरू किया था।
भारतीय सेना की ओर से आज एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि हिमस्खलन की चपेट में आए सेना के इन सातों जवानों की मौत की पुष्टि हो गई है और उनकी पार्थिव देह हिमस्खलन स्थल से निकाल ली गई हैं। बयान में कहा गया है कि 6 फरवरी, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के कामेंग सेक्टर के उच्च ऊंचाई वाले इलाके में हिमस्खलन के कारण गश्ती दल के ये सात भारतीय जवान फंस गए थे। उसके बाद जब सेना के इस गश्ती दल से संपर्क स्थापित नहीं हो सका तो फौरन एक एक्सपर्ट टीम क्विक रेस्पॉन्स के लिए मौके पर लगाई गई। विशेष टीमों के एयरलिफ्टिंग के साथ ही तुरंत खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया था।
सेना ने यह भी कहा कि उच्च ऊंचाई पर तैनात जवान परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए हाईटेक गैजेट्स, सर्विलांस ड्रोन, नाइट विजिल कैमरा, थर्मल इमेजिंग ट्रेसर, हेलीकॉप्टर, स्नो स्कूटर, हिमस्खलन डिटेक्टर का उपयोग करते हैं। सेना ने बयान में कहा है कि अब खोज और बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी सातों लोगों की पार्थिव देह हिमस्खलन स्थल से बरामद कर ली गई हैं। 14 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के साथ भारी बर्फबारी हो रही थी। सैनिकों की पार्थिव देह को आगे की औपचारिकताओं के लिए हिमस्खलन स्थल से निकटतम सैन्य चिकित्सा अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है।
पश्चिम कामेंग जिले की पुलिस के मुताबिक हिमस्खलन की यह घटना तवांग जिले के जंग पुलिस स्टेशन के तहत एलएसी के साथ जंगदा बस्ती से लगभग 35 किलोमीटर दूर के मैमी हट इलाके के पास हुई। 6 फरवरी को घटना के बाद सेना के अधिकारियों ने जंग थाने को सूचना दी थी लेकिन यह क्षेत्र बहुत दूर होने और बर्फबारी के कारण सभी सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इस बार डारिया हिल में बर्फबारी ने 34 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां इससे पहले 1988 में इतनी बर्फबारी हुई थी। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा शहर में दो दशक बाद बर्फबारी हुई है। (एजेंसी, हि.स.)
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