इंदौर। आज के दौर में डिजाइनिंग में आर्ट, क्राफ्ट एवं टेक्नोलॉजी का होना बहुत जरूरी है, तभी एक बेहतर कंटेम्परेरी और सोसायटी को प्रभावित करने वाली डिजाइन बनाई जा सकती है। हर जगह से जुड़े हुए ट्रेडिशनल डिजाइन भी तैयार किए जाते हैं, लेकिन इसमें यदि क्षेत्र का प्रभाव जुड़ जाए तो लाभकारी है।
इंडियन इंस्टिट्यूट आफ इंटीरियर डिजाइनिंग के इंदौर रीजनल चैप्टर की ओर से आयोजित एजुकेशनल सीरिज में अहमदाबाद से आए विशेषज्ञ जय ठक्कर ने यह बात कही। उन्होंने छात्रों को बताया कि आज के दौर में डिजाइनिंग में कई विधाओं का समावेश होना जरूरी है, तभी आप एक बेहतर और सोसायटी को प्रभावित करने वाले डिजाइनर बन सकते हैं। जिस जिले, क्षेत्र या संस्कृति के लिए डिजाइन तैयार की जा रही है, उसमें उस जगह की संस्कृति और क्राफ्ट को शामिल किया जाना चाहिए है, तभी वह यूनिक बन सकती है। उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में चार वर्ली बुदियाली पोट्र्स, वर्नाकुलर फर्नीचर और थ्रेड्स आफ इनरेशन के बारे में बताया। ट्रेडिशनल क्राफ्ट की मदद से टूरिज्म को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्राफ्ट को डिजाइन में शामिल करके दोनों को ही नया आयाम दिया जा सकता है। रीजनल चैप्टर के चेयरपर्सन अभिषेक जुल्का ने बताया कि आयोजन में 100 से अधिक डिजाइनर और आर्किटेक्ट शामिल हुए।
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