मॉस्को। रूस(Russia) ने चेक गणराज्य(Republica Czechia) के उस आरोप को खारिज किया है जिसमें उसके शस्त्रागार में हुए विस्फोट (explosion case in 2014) के लिए रूस (Russia) को जिम्मेदार ठहराया गया है। 2014 में हुए इस विस्फोट में चेक गणराज्य को हथियारों का भारी नुकसान हुआ था और दो लोग मारे गए (Two people died) थे। उसने घटना के लिए रूस (Russia) को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके दूतावास के 18 कर्मियों को अपनी राजधानी प्राग से निष्कासित (18 Embassy personnel expelled) कर दिया है। रूस ने कहा है कि वह भी इसके जवाब में कदम उठाएगा।
चेक गणराज्य ने कहा है कि शस्त्रागार में हुए विस्फोट में रूसी हाथ होने की जानकारी उसने नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के अपने सहयोगियों को दे दी है। यह मामला सोमवार को ईयू के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी उठाया जाएगा। शीतयुद्ध काल में रूस का सहयोगी रहा चेक अब उससे दूर होकर नाटो और यूरोपीय यूनियन से जुड़ गया है। रूस के साथ उसके संबंधों में खटास की यही सबसे बड़ी वजह है। खटास के माहौल में 18 रूसी दूतावास कर्मियों का निष्कासन चेक गणराज्य का सबसे बड़ा कदम है। चेक गणराज्य ने यह कदम शनिवार को उठाया था। जवाबी कार्रवाई में रूस ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी, अमेरिका के राजनयिकों को बाहर निकालेगा रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चेक गणराज्य के आरोप बेतुके और अस्वीकार्य हैं। रूस दूतावास कर्मियों के निष्कासन वाले भड़काऊ कदम का जवाब देगा। चेक गणराज्य यह सब अमेरिका के इशारे पर कर रहा है, जिसका परिणाम उसे भुगतना होगा। जबकि चेक गणराज्य के गृह एवं प्रभारी विदेश मंत्री जान हामासेक ने कहा है कि 2014 में शस्त्रागार में विस्फोट का उद्देश्य हथियारों की उस खेप को निशाना बनाया था, जो वहां से अन्य देश के लिए रवाना होने वाली थी। विस्फोट के तत्काल बाद हुई पुलिस जांच में संदिग्धों में दो रूसी सैन्य खुफिया अधिकारियों के नामों का पता चला जो ब्रिटेन में दोहरे जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी को जहर देने के मामले में जिम्मेदार थे। पुलिस को इन दोनों अधिकारियों का विस्फोट में भी हाथ होने का पता चला था। जांच आगे बढ़ने पर दोनों अधिकारियों की संलिप्तता साबित हुई।