नई दिल्ली । हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections)में मिली हार के बाद कांग्रेस (Congress after the defeat)सकते में है। एक के बाद एक बैठकें (one on one meetings)हो रही हैं और हार की वजहों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन हुआ है। इस बीच, अब इंडिया गठबंधन में साथी आम आदमी पार्टी ने भी चुनावी नतीजों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। आप ने कहा है कि अगर वे (कांग्रेस) इतने अहंकार में नहीं आते, तो हरियाणा में आज उनकी सरकार होती। हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाने जा रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 48 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस 37 सीटें ही जीत सकी।
हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग में नई शिकायत दर्ज कराने पर ‘आप’ हरियाणा प्रमुख सुशील गुप्ता ने कहा, “हमने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए थे। इंडिया गठबंधन के सदस्य के रूप में हमने हरियाणा में गठबंधन के लिए अंतिम समय तक इंतजार किया। आज कांग्रेस चाहे तो दोष दे सकती है या आत्मचिंतन कर सकती है, लेकिन अगर वे इतने अहंकार में न आते तो आज हरियाणा में उनकी सरकार होती। हमने कभी अनुचित मांग नहीं की। हमने बहुत ज्यादा सीटों की मांग नहीं की…आज मुझे लगता है कि आप 2029 के चुनावों की तैयारी अभी से शुरू कर देगी। हरियाणा में कांग्रेस भाजपा को सत्ता से बाहर करने में सक्षम नहीं है। अरविंद केजरीवाल सुनिश्चित करेंगे कि हरियाणा से भाजपा की विदाई हो।”
‘गठबंधन होता तो नतीजे अलग आते’
इससे पहले, चुनावी नतीजों के तुरंत बाद प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव की तरह गठबंधन होता तो नतीजे अलग होते। लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां विपक्षी दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा थीं। गुप्ता ने कहा, “अगर गठबंधन (आप-कांग्रेस) ने इस (हरियाणा के) विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा लिया होता तो नतीजे अलग होते…” गुप्ता के मुताबिक, कई वरिष्ठ आप नेताओं के ‘फर्जी’ मामलों में जेल में बंद होने के कारण उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
हरियाणा में AAP की भी हुई करारी हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आप के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए, जिसे चुनाव में अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद थी। पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है और राज्य इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की कोशिशें हुई थीं। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच में गठबंधन को लेकर कई दौर की बैठकें भी हुईं, लेकिन आखिरी में सीटों पर कोई तालमेल नहीं बन सका था। इसके बाद दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
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