बीड: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ बीड जिले के परली कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया था. परली कोर्ट ने आखिर वो अरेस्ट वारंट रद्द कर दिया है. 15 साल पुराने भड़काऊ भाषण देने और मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा पत्थरबाजी और तोड़फोड़ करने के मामले में परली कोर्ट ने उन्हें 500 रुपए दंड भरने को कहा है.
इससे पहले राज ठाकरे हेलिकॉप्टर से परली पहुंचे. इसके बाद कोर्ट में हाजिर हुए. इसके बाद उन्होंने अपने खिलाफ अरेस्ट वारंट को रद्द करने की अपील की. उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से वे कोर्ट में हाजिर नहीं हो पा रहे थे. पांच से सात मिनट तक चली कार्रवाई के बाद राज ठाकरे को 500 रुपए का जुर्माना देने का आदेश देकर कोर्ट ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट रद्द कर दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी को होने वाली है.
2008 के भड़काऊ भाषण, तोड़फोड़ से जुड़ा है मामला
यह मामला साल 2008 के अक्टूबर महीने का है. राज ठाकरे को उनके भड़काऊ भाषण के लिए मुंबई में अरेस्ट किया गया था. इसके रिएक्शन में राज्य में कई ठिकानों पर तोड़-फोड़ की घटनाएं हुईं. परली के धर्मापुरी पॉइंट इलाके पर राज्य परिवहन की बसों पर पत्थर फेंके गए. इस मामले में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ.
कर्फ्यू का उल्लंघन, सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान और भड़काऊ भाषण देने के मामले में राज ठाकरे समेत एमएनएस के कई कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हुए. इसी मामले में परली कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर की. सुनवाई के वक्त लगातार गैर हाजिर होने की वजह से उनके खिलाफ कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया था.
अरेस्ट वारंट रद्द होने से राज ठाकरे को मिली बड़ी राहत
इससे पहले 3 जनवरी और उसके बाद 12 जनवरी को राज ठाकरे को बीड के परली कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था. लेकिन 12 जनवरी को जिजाऊ जयंती की वजह से कोर्ट ने तारीख बढ़ा दी थी. इसके बाद राज ठाकरे आज (18 जनवरी, बुधवार) को परली कोर्ट में हाजिर हुए और अपने खिलाफ अरेस्ट वारंट को रद्द करने की अपील की.
लगातार हाजिर ना होने की उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी वजहें बताईं, कोरोना से जुड़ी मुश्किलें बताईं. कोर्ट ने उनकी यह सफाई को स्वीकार किया और उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट को रद्द कर दिया. राज ठाकरे के लिए यह बड़ी राहत समझी जा रही है.
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