नई दिल्ली । बांग्लादेश (Bangladesh)के एक कोर्ट ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना(Former Prime Minister Sheikh Hasina), उनकी बहन शेख रेहाना,(Sister Sheikh Rehana) ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना(British MP Tulip Rizwana) सिद्दीक और 50 अन्य के खिलाफ राजनीतिक सत्ता का दुरुपयोग करके कथित अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया। ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक ढाका मेट्रोपोलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) द्वारा दायर तीन अलग-अलग आरोपपत्रों पर संज्ञान लेने के बाद यह आदेश पारित किया।
अखबार ने एसीसी के सहायक निदेशक (अभियोजन) अमीनुल इस्लाम के हवाले से बताया कि न्यायाधीश हुसैन ने गिरफ्तारी वारंट से संबंधित अमल रिपोर्ट की समीक्षा के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय की है। अदालती सूत्रों का हवाला देते हुए बंगाली समाचार पत्र प्रोथोम आलो ने खबर दी कि एसीसी ने हाल ही में भूखंड आवंटन में भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग मामलों में हसीना समेत 53 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है और सभी फरार हैं।
कोर्ट के इस फैसले के बाद शेख हसीना के विरोधियों को एक और मौका मिल गया है। अदालत ने राजुक प्लॉट आवंटन मामले में शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद पुतुल और 16 अन्य के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। बता दें कि 13 जनवरी को एसीसी के उपनिदेशक ने शेख हेहाना के खिलाफ अधिकार का दुरुपयोग करके पूर्वांचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट में 10 कट्टे का प्लॉट हासिल करने का केस दर्ज करवाया था। बाद में इसमें दो अन्य लोगों के नाम भी जोड़ दिए गए।
वहीं पिछले साल बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल हुआ और हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गए। वह भागकर भारत आ गईं और इस वक्त भारत की ही शरण में हैं। वहीं बांग्लादेश में सेना ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बना दिया। अंतरिम सरकार ने भारत सेशेख हसीना को सौंपने की बात भी कही है। वहीं शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में अलग-अलग मामलों में केस दर्ज किए गए हैं। शेख हसीना के हटने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चाहती है कि किसी तरह से शेख हसीना को भारत से लाया जाए ताकि उन्हें दोबारा राजनीति में आने का मौका ही ना मिले।
क्या है मामला?
बांग्लादेश की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था एसीसी द्वारा दर्ज चार्जशीट के अनुसार, ट्यूलिप सिद्दीक पर आरोप है कि उन्होंने अपनी चाची शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान ढाका के बाहरी इलाके पुर्बाचल न्यू टाउन की डिप्लोमैटिक ज़ोन में 7200 वर्गफुट का एक प्लॉट अवैध रूप से हासिल किया। ढाका मेट्रोपोलिटन सीनियर स्पेशल जज मोहम्मद जाकिर हुसैन गालिब ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए कहा कि अगर 27 अप्रैल तक आरोपित कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाए।
52 लोगों के खिलाफ वारंट
इस मामले में ट्यूलिप सिद्दीक़ के अलावा कुल 52 अन्य लोगों के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। इनमें उनकी मां शेख रेहाना, भाई रदवान, बहन आजमीना और खुद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल हैं। आरोप है कि साल 2022 में हसीना परिवार ने राजुक के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से पुर्बाचल सेक्टर 27 की रोड नंबर 203 पर स्थित छह 10-काठा के प्लॉट गैरकानूनी तरीके से अपने कब्जे में लिए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरफ्तारी वारंट के बाद अब ट्यूलिप सिद्दीक़ एक विदेशी आपराधिक जांच में वांछित भगोड़ा संदिग्ध बन गई हैं। यह भी संभावना जताई जा रही है कि बांग्लादेशी सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है, हालांकि फिलहाल ब्रिटेन और बांग्लादेश के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। गौरतलब है कि ट्यूलिप सिद्दीक ने जनवरी 2025 में ब्रिटेन की भ्रष्टाचार निरोधक मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जब यह सामने आया कि वह ACC की जांच के दायरे में हैं।
ट्यूलिप सिद्दीक के वकीलों ने बयान जारी करते हुए कहा,”मिस सिद्दीक़ को ढाका में उनके खिलाफ किसी भी सुनवाई की कोई जानकारी नहीं है और उन्हें किसी गिरफ्तारी वारंट की जानकारी नहीं है। यह स्पष्ट रूप से कहा जाए कि उनके खिलाफ कोई आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है और इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि उन्होंने ढाका में किसी प्लॉट को अवैध तरीके से हासिल किया है।”
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