नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने भारतीय सेना के लिए 7,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है. इस डील के तहत 307 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (Advanced Towed Artillery Gun System) और 327 गन टोइंग वाहन खरीदे जाएंगे. यह कदम स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा निर्णय है.
ATAGS तोपें 155mm/52-कैलिबर की हैं और 45-48 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम हैं. इन्हें DRDO ने डिजाइन और विकसित किया है. इनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स से किया जाएगा. भारत फोर्ज को 60% तोपों का निर्माण करने का जिम्मा मिला है क्योंकि यह सबसे कम कीमत (L1) की बोली लगाने वाली कंपनी थी. टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स बाकी 40% तोपों का निर्माण करेगी.
भारतीय सेना ATAGS तोपों को 15 आर्टिलरी रेजिमेंट्स में शामिल करेगी. यह डील अगले हफ्ते साइन होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में भारतीय सेना कुल 1,580 ATAGS तोपों को शामिल करने की योजना बना रही है.
ATAGS तोपों को सटीकता, स्थिरता, मोबाइलिटी और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है. यह तोपें पांच राउंड लगातार फायर कर सकती हैं, जबकि अन्य विदेशी तोपें केवल तीन राउंड तक सीमित होती हैं. इन तोपों में ऑल-इलेक्ट्रिक ड्राइव टेक्नोलॉजी है, जो इन्हें कम मेंटेनेंस में अधिक समय तक काम करने लायक बनाती है. भारत को पहले ही ATAGS के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिल चुके हैं, जिससे यह साफ है कि यह स्वदेशी तोपें भविष्य में वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना सकती हैं.
लंबे समय से चल रहे टेस्ट और सफलता
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