नई दिल्ली (New Delhi) । पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) खाद्य संकट (food crisis) की वजह से दाने-दाने को मोहताज हो गया है। इसलिए, अब पाक सेना (Pakistani army) ने वहां खेती करने का फैसला किया है। इसके लिए पाक आर्मी ने बड़े भूखंड को लीज पर लिया है। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, सितंबर में, पाकिस्तान पंजाब में सेना को 400,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 30 साल का पट्टा देने के लिए एक समझौता हुआ। यह भूखंड दिल्ली के आकार से तीन गुना क्षेत्र के बराबर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने की शुरुआत में इसी तरह के एक और समझौते पर सेना ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सेना अशांत दक्षिण वजीरिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में 17,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करेगी। अब इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि दक्षिण वजीरिस्तान में सेना द्वारा ली गई जमीन जटिल पहाड़ियों और चोटियों वाला एक ऊबड़-खाबड़ इलाका है, जहां भीषण गर्मी और सर्दियों में भीषण ठंड पड़ती है और जहां सिंचाई की कोई व्यवस्था भी नहीं है, वहां सेना बड़े पैमाने पर खेती कैसे कर सकेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र की कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पाक सेना शुरुआत में 1,000 एकड़ भूमि पर खेती करेगी और फिर दक्षिण वज़ीरिस्तान के ज़रमलम क्षेत्र में 41,000 एकड़ (17,000 हेक्टेयर) भूखंड पर उसका विस्तार करेगी। यह भूखंड वर्षों से बंजर है। यह क्षेत्र अफगानिस्तान सीमा के करीब भी स्थित है और यहां आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है, खासकर सेना के जवानों को निशाना बनाया जाता रहा है।
बता दें कि 75 वर्षों के पाकिस्तान के इतिहास में सेना ने आधे से अधिक समय तक शासन किया है और वहां सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में उसकी मजबूत पकड़ रही है। ऐसे में अर्थव्यवस्था और कृषि में सेना के इस कदम ने कई लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं। खाद्य संकट की चपेट में आया पाकिस्तान 2023 के वैश्विक भूख सूचकांक में 125 देशों में से 102वें स्थान पर है। पाकिस्तान वर्तमान में एक ऐसे परिदृश्य का सामना कर रहा है, जहां बड़े पैमाने पर खाद्य संकट है और रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और बढ़ती गरीबी से त्रस्त हताश जनता मुफ्त आटा पाने के लिए अक्सर हजारों की संख्या में सरकारी वितरण केंद्रों पर इकट्ठा होती है।
पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब आटा जैसी चीजों के लिए पाकिस्तान में भगदड़ मची है और दर्जनों लोग हताहत हुए हैं। माना जा रहा है कि पाक सेना ने स्थिति को सुधारने और जनता की नज़र में अपनी छवि को दुरुस्त करने की कोशिश में ये नई भूमिका तलाशी है। पिछले छह महीनों में सैन्य नेतृत्व ने देश की खराब अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की कोशिश में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर देश की विशेष निवेश सुविधा परिषद के सदस्य हैं, जिसे जून में एक सर्वोपरि निर्णय लेने वाले मंच के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के भीतर आवश्यक संरचनात्मक सुधारों का नेतृत्व करना था। इसी कोशिश में पाक सेना ने बंजर भूमि पर खेतीबारी करने खाद्य उत्पादन में देश को तेजी से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में यह कदम उठाया है। सेना की इसी मंशा को देखते हुए कार्यवाहक सरकार खेती के लिए सैकड़ों हजारों एकड़ भूमि सेना को सौंपने पर सहमत हुई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved