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    चीन को पानी में भी सबक सिखाने की तैयारी में सेना, पैंगोंग में ‘घातक’ स्पीड बोट्स से करेगी गश्त

  • January 02, 2021


    नई दिल्ली । लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव को शुरू हुए आठ महीने से भी ज्यादा का वक्त हो चुका है। दोनों देशों के बीच सैन्य, कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर की कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई ठोस हल निकलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। इस बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की किसी भी हिमाकत का करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है। इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच तनाव का बड़ा केंद्र बने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील में गश्त लगाने के लिए सेना ने आधुनिक गश्ती नौकाओं को खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है।

    12 गश्ती नौकाएं खरीदेगी सेना
    भारतीय सेना ने पैंगोंग झील समेत बड़े जलाशयों में अपनी निगरानी बढ़ाने के लिए 12 अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं की खरीद के लिए स्वीकृति दे दी है। यह खरीद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है।

    गोवा शिपयार्ड के साथ सेना ने की डील
    भारतीय सेना ने कहा है कि उसने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित झीलों समेत विभिन्न जलाशयों में निगरानी और गश्ती के लिए 12 तीव्र गश्ती नौकाओं के लिए सरकारी उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ अनुबंध पर दस्तखत किया है। सेना ने ट्वीट किया कि आपूर्ति मई 2021 से शुरू हो जाएगी।

    चीन को मिलेगा माकूल जवाब
    अधिकारियों ने बताया कि पैंगोंग झील के साथ पहाड़ी क्षेत्र में अन्य जलाशयों में निगरानी बढ़ाने के मकसद से इन नौकाओं की खरीद की जा रही है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने एक बयान में कहा कि उसने अत्याधुनिक गश्ती नौका के लिए बृहस्पतिवार को भारतीय सेना के साथ एक अनुबंध पर दस्तखत किया है। इन नौकाओं में सुरक्षा बलों की जरूरत के अनुरूप विशेष उपकरण लगाए जाएंगे।

    अत्याधुनिक तकनीकियों से लैस होंगी ये गश्ती बोट्स
    जीएसएल ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि जीएसएल, गोवा में इन नौकाओं (क्राफ्ट) का निर्माण किया जाएगा और विशेष सुविधाओं के साथ यह दुनिया की चुनिंदा नौकाओं में होगी। पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने करीब 50,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों को तैनात किया है। अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी इतने ही सैनिकों की तैनाती की है।

    रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण है पैंगोंग झील
    पैगोंग झील और आसपास के इलाके को रणनीतिक लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत ने मई की शुरुआत में गतिरोध शुरू होने के बाद से झील के आसपास निगरानी बढ़ा दी है। दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हुआ। पैंगोंग झील की घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में इसी तरह की घटना हुई थी।

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