लंदन (London) । इंग्लैंड (England) की राजधानी लंदन (London) में बुधवार की सुबह सेना के पांच घोड़े सड़कों पर उतर आए और कोहराम मचा दिया. यह घोड़े (horses) एक नियमित अभ्यास के दौरान बकिंघम पैलेस के पास मध्य लंदन की सड़कों पर उस वक्त निकले, सड़क पर भीड़ होती है. इस दौरान करीब चार लोगों के घायल होने की खबर है.
भारतीय उच्चायोग और वेस्ट एंड थिएटर जिले के पास एल्डविच के पास खून से लथपथ एक घोड़े के सरपट दौड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल फुटेज में देखा जा सकता है कि घोड़े कारों और पर्यटक बसों से टकरा गए. ब्रिटिश सेना ने बाद में कहा कि उसके सभी घोड़े कब्जे में ले लिए गए हैं और अपने शिविर में लौट आए हैं, जहां उन्हें मेडिकल सहायता दी जा रही है.
जल्द ही घोड़ों को कब्जे में लिया गया…
एजेंसी के मुताबिक एक प्रवक्ता ने कहा कि सभी घोड़े अब बरामद कर लिए गए हैं और शिविर में वापस आ गए हैं. कई कर्मचारी और घोड़े घायल हो गए हैं और उन्हें उचित चिकित्सा सहायता मिल रही है.
राजा चार्ल्स तृतीय के निवास बकिंघम पैलेस के पश्चिम में एक पॉश इलाके, बेलग्रेविया में घोड़ों के साथ अभ्यास हो रहा था, वहां से सात में से पांच घोड़े भाग गए. यह औपचारिक अभ्यास अगले महीने सम्राट के वार्षिक जन्मदिन परेड की तैयारी का हिस्सा था, जिसे ट्रूपिंग द कलर के नाम से जाना जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक घोड़ों के बिदकने के बाद कई सैनिक गिर गए और तीन सैनिकों को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाना पड़ा.
लंदन एंबुलेंस सर्विस ने एक बयान मे कहा कि हमने आज सुबह सेंट्रल लंदन में खुले घोड़ों के साथ हुई घटना के संबंध में कई कॉलों का जवाब दिया. हमने तीन स्थानों पर सहायता भेजी, चार मरीजों का इलाज किया और उन सभी को अस्पताल पहुंचाया. बता दें कि ये घोड़े लंदन की घुड़सवार सेना के थे, जो ब्रिटिश सम्राट का औपचारिक गार्ड और लंदन में स्टेट फंक्शन का एक अहम हिस्सा हैं.
सिटी ऑफ लंदन पुलिस के इंस्पेक्टर माइल्स हिलबेरी ने कहा कि हमारी रोड पुलिसिंग टीम के पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाइयों ने घोड़ों और जनता के सदस्यों को नुकसान और संकट से बचा लिया. हिलबेरी ने अपने पुलिस कांस्टेबल्स की तारीफ की और कहा कि उन्होंने हॉर्स बॉक्स और पशु चिकित्सा टीम के आने का इंतजार करते हुए घोड़ों को शांत रखा.
बता दें कि घोड़ों के बाहर आने के बाद पुलिस बल ने जल्द ही ट्रैफिक पर कंट्रोल जमा लिया, बाइक से आकर अधिकारियों ने घोड़ों के लिए एक रास्ता बनाया, जिससे उन्हें सुरक्षित रूप से घोड़े के बक्से में ले जाया जा सके और तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए सेना बैरक में वापस ले जाया जा सके.
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