डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिकों के योगदान और समर्पण को याद किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र में एक ऐसी सरकार है जिसने हमेशा पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए काम किया। वहीं, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पुणे में आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर का दौरा किया। उन्होंने भी सैनिकों के योगदान पर प्रकाश डाला।
बता दें, भारत में हर साल सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। सशस्त्र बल के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा द्वारा प्रदान की गई सेवा को मान्यता देने के लिए 14 जनवरी को सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है, जो 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। पहली बार इस दिवस को मनाने की शुरुआत 2016 में हुई थी। इस वर्ष 9वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर हम उन बहादुर महिलाओं और पुरुषों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका त्याग, साहस और कर्तव्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। हमारे पूर्व सैनिक नायक हैं और देशभक्ति के स्थायी प्रतीक हैं। हमारी सरकार एक ऐसी सरकार है, जिसने हमेशा पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए काम किया है और हम आने वाले समय में भी ऐसा करते रहेंगे।’
वहीं, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आज पुणे में आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर का दौरा किया। उन्होंने सेंटर की अत्याधुनिक सुविधाओं का निरीक्षण किया। वहीं इस दौरान उन्हें सेंटर के कंप्यूटर-आधारित डिजाइन और निर्माण कार्यशालाओं के बारे में जानकारी दी गई, जो कृत्रिम अंगों के क्षेत्र में ताजगी और नई तकनीकों को दिखाते हैं।
उन्होंने 9वें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर कहा, ‘आज का दिन एक विशेष दिन है क्योंकि हमें उन सभी बहादुर योद्धाओं को सम्मानित करने का अवसर मिला है, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय इस देश की सेवा में समर्पित किया है।’
उन्होंने पूर्व सैनिकों को याद करते हुए कहा, ‘आप सभी हमारे समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। हमारा देश, आज विकसित भारत के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्येक नागरिक की प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘राज्य सरकारों के समक्ष सेना की मान्यता को सक्रिय रूप से स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रयास के कई पहलू हैं, जिन्हें समानांतर रूप से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। पहला, अपने संचालन में पूर्व सैनिकों को शामिल करके राज्य कैसे लाभान्वित हो सकता है और दूसरा, मान्यता और योगदान का एक पूर्ण संबंध स्थापित करना जो पूर्व सैनिकों और राज्य सरकार दोनों के लिए जीत की स्थिति पैदा करेगा। जिला स्तर पर भी इस तरह की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।’
वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि स्पर्श (पोर्टल) के साथ कुछ समस्याएं हैं, लेकिन हम इसके माध्यम से सब कुछ स्वचालित करने और भ्रष्टाचार को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन डेटा को डिजिटल बनाने में कुछ समस्याएं होंगी। हम धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से सीख रहे हैं। चीजें आगे बढ़ रही हैं और सही दिशा में हैं। भारतीय वायुसेना के हर दूसरे स्टेशन पर, साथ ही अन्य ठिकानों पर एक स्पर्श सेल है, जो किसी भी समस्या को ठीक करने के लिए है।’
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