नई दिल्ली (New Delhi) । सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief General Manoj Pandey) ने शनिवार को पूर्वी कमान के मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) और सिक्किम (Sikkim) से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना (indian army) की युद्ध तैयारियों की समीक्षा की। कोलकाता स्थित कमान मुख्यालय के वरिष्ठ कमांडरों ने सेनाध्यक्ष को सैनिकों की तैनाती सहित भारतीय सेना की विभिन्न युद्ध तैयारियों की जानकारी दी। जनरल पांडे का यह अहम दौरा अरुणाचल प्रदेश के तवांग से लगती LAC पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के 6 सप्ताह बाद हो रहा है। पूर्वी कमान के ऊपर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगती एलएसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
सेना ने बताया कि जनरल पांडे ने सैनिकों की उच्च पेशेवर मानकों को कायम रखने और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की प्रशंसा की। सेना ने ट्वीट किया, ‘सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कोलकाता स्थित पूर्वी कमान के मुख्यालय का दौरा किया और उन्हें युद्ध तैयारियों और उत्पन्न सुरक्षा हालात की जानकारी दी गई। सेनाध्यक्ष ने अधिकारियों और जवानों से संवाद किया और उनके उच्च पेशवर मानक और कर्तव्य के प्रति समर्पण की प्रशंसा की।’
तवांग में झड़प के बाद फिर बढ़ा सीमा पर तनाव
गौरतलब है कि 9 दिसंबर को दोनों देशों के बीच तनाव उस समय बढ़ गया था जब अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के यांग्त्सी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। यह जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष रहे हैं। इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारतीय सेना ने गलवान घाटी संघर्ष और तवांग सेक्टर में हुई झड़प के दौरान अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन किया। इसके लिए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
चीनी राष्ट्रपति ने सैनिकों की युद्ध तैयारी का लिया जायजा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने भी उनकी युद्ध तैयारियों का जायजा लिया था। शी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) मुख्यालय से शिनजियांग सैन्य कमान के तहत खंजराब में सीमा पर तैनात सैनिकों को संबोधित किया। शी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और पीएलए के प्रमुख भी हैं। शी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि किस प्रकार हाल के वर्षों में क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहा है और किस प्रकार इसने सेना को प्रभावित किया है।
भारत का पक्ष- LAC पर शांति जरूरी
रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों में से एक ने जवाब दिया कि वे अब 24 घंटे सीमा की निगरानी कर रहे हैं। शी ने उनकी स्थिति के साथ ही यह भी सवाल किया कि क्या उन्हें दुर्गम इलाके में ताजी सब्जियां मिल रही हैं। मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध के संबंध में भारत और चीन के बीच उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के 17 दौर हो चुके हैं, लेकिन बाकी मुद्दों के समाधान में कोई खास प्रगति नहीं हुई। भारत ने जोर दिया है कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति जरूरी है।
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