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    फ्रांस दौरे पर रवाना हुए आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे, रक्षा सहयोग बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर होगी चर्चा

  • November 13, 2022

    नई दिल्ली: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे सोमवार से चार दिनों तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे. वह 14 से 17 नवंबर तक फ्रांस की यात्रा करेंगे. अपनी इस यात्रा के लिए वह रविवार को रवाना हो गए हैं. सेना प्रमुख फ्रांस की चार दिवसीय यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से अपने समकक्षों और फ्रांस के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे.

    यात्रा के दौरान सेना प्रमुख पांडे न्यूवे चैपल इंडियन मेमोरियल पर माल्यार्पण करेंगे, जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 4742 भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है. इसके अलावा आर्मी चीफ मनोज पांडे का चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और कमांडर कमांडमेंट डेस फोर्सेस टेरेस्ट्रेस (CFT)/लैंड कॉम्बैट फोर्सेज के कमांड से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है. इस दौरान वह भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

    भारत-फ्रांस लगातार बढ़ते रक्षा सहयोग संबंधों, जिसमें गतिविधियों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है, दोनों सेनाओं के हर स्तर पर एक मजबूत बंधन स्थापित किया है. आर्मी चीफ मनोज पांडे की फ्रांस यात्रा दोनों सेनाओं के बीच विश्वास और समझ के बंधन को और मजबूत करेगी. हाल ही में भारत-फ्रांस की वायुसेनाओं ने युद्धाभ्यास किया था, जहां दोनों देश की वायुसेना के जवानों ने आपसी सामंजस्य के साथ युद्ध की बारीकियों को साझा किया. अब आर्मी चीफ का फ्रांस जाना दोनों राष्ट्रों के संबंधों को और मजबूत करेगा.


    भारत-चीन गतिरोध पर बोले जनरल मनोज पांडे
    वहीं, चीन से लगती सरहद पर 30 महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच थलसेना प्रमुख जनरल पांडे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित है. जनरल पांडे ने एक ‘थिंक टैंक’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता में विवाद के दो शेष बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही. सेना प्रमुख ने कहा कि विवाद के सात बिंदुओं में से पांच पर मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल कर लिया गया है.

    17वें दौर की वार्ता पर विचार
    उन्होंने साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत हैं. उन्होंने कहा, ‘हम 17वें दौर की वार्ता की तारीख पर विचार कर रहे हैं.’ जनरल पांडे ने यह भी कहा कि अपने हितों की सुरक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे कार्यों को बहुत सावधानीपूर्वक समायोजित करने की जरूरत है.

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