कोपेनहेगन। डेनमार्क (Denmark) की एक अदालत ने 29 साल पुराने हथियार तस्करी (Weapons smuggling) मामले के आरोपी नील्स होल्क (62) (Niels Holck) को भारत (India) के प्रत्यर्पण अनुरोध को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। होल्क ने 1995 में पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पुरुलिया में एक मालवाहक विमान से असॉल्ट राइफलें, रॉकेट लांचर और मिसाइलें पहुंचाने की बात स्वीकार की थी।
भारतीय पुलिस ने कहा कि ये हथियार देश के एक विद्रोही संगठन के लिए थे। डेनमार्क के हिलेरोड जिला अदालत ने कहा कि भारत के आश्वासन के बावजूद उन्हें संदेह है कि होल्क को भारत में यातना या अन्य अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ेगा। होल्क ने बृहस्पतिवार सुबह फैसला सुनाए जाने से पहले डेनिश रेडियो डीआर से कहा, मैं न्यायाधीश के सामने जवाबदेह होना चाहूंगा, क्योंकि उन्हें प्रत्यर्पित किए जाने पर उनकी जान को खतरा है।
जबकि मामले में एक ब्रिटिश नागरिक और पांच लातवियाई लोगों को हथियार गिराने के बाद भारतीय अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन होल्क – जिसे पहले नील्स क्रिश्चियन नीलसन के नाम से जाना जाता था, मौके से भाग निकलने में कामयाब हो गाय था।
भारत ने सबसे पहले 2002 में डेनमार्क से होल्क को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था। सरकार ने सहमति दे दी थी, लेकिन डेनमार्क की दो अदालतों ने यह कहते हुए उसके प्रत्यर्पण को इन्कार कर दिया कि उसे भारत में यातना या अन्य अमानवीय व्यवहार का जोखिम होगा। जून 2023 में, डेनमार्क ने फिर से 2016 के भारतीय प्रत्यर्पण अनुरोध पर गौर किया था लेकिन प्रत्यर्पण नहीं हो सका।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved