नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के नजफगढ़ में ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ (Shaheed Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School) का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने छात्रों से देश के लिए जीने-मरने की भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया।
केजरीवाल ने कहा कि स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और छात्रों को विभिन्न सशस्त्र बलों की प्रवेश परीक्षा प्रणाली के अनुसार ट्रेंड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।
‘आर्म्ड फोर्सेज स्कूल’ में शिक्षा और अन्य सुविधाएं मुफ्त होने की बात को रेखांकित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह हमेशा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली चाहते थे, जहां अमीर और गरीब एक साथ पढ़ सकें। उन्होंने बताया कि रिटायर्ड अधिकारियों को छात्रों को ट्रेंड करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
केजरीवाल ने कहा कि मैंने छात्रों के साथ बातचीत की और पाया कि उनमें से 80 से 90 प्रतिशत सरकारी, जबकि 10 से 15 फीसदी निजी स्कूलों से हैं। सशस्त्र बलों के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट, व्यक्तित्व विकास कार्यशालाएं और मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि स्कूल का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, ताकि छात्र उनके जीवन से सीख ले सकें। केजरीवाल ने कहा कि 23 साल की उम्र में भगत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आज के युवा उस उम्र में प्रेमिका पाने को लेकर चिंतित रहते हैं। आपको उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली में पहला शहीद भगत सिंह सशस्त्र तैयारी स्कूल शुरू हुआ है। जो बच्चे सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते हैं उनके पास औपचारिक जगह नहीं थी, जहां उन्हें ट्रेंड किया जा सके। वे खुद तैयारी करते थे। अब हमारे पास यह है। गरीब से गरीब भी एडमिशन के लिए आ सकता है।
यह स्कूल पूरी तरह से फ्री है, यह एक रेजिडेंशियल स्कूल है। लड़के और लड़कियों दोनों के लिए एक छात्रावास है। इसमें बेहतरीन सुविधाएं हैं। प्रतियोगिता कठिन है, 18000 बच्चों ने आवेदन किया और लगभग 180 का चयन किया गया। वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वे वर्दीधारी सेवाओं के लिए तैयार रहेंगे।
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