इंदौर। जितना बड़ा घराना होता है या नाम होता है। उतना ही ज्यादा नुकसान होता है। मैंने कभी अपने परिवार के नाम का इस्तेमाल नहीं किया। जब सारेगामापा लिटिल चैंप्स का ऑडिशन देने गया था, तो सरनेम नहीं लिखवाया था। यही सोचकर कि लोग अगर मेरे गाने को जज करें, तो वह केवल मुझसे जज करें ना कि मेरे मलिक सरनेम से।
इंदौर आए अरमान मलिक ने पत्रकार वार्ता में यह बात कही। वे इंदौर में नंबर वन यारी जाम फेस्ट में निकिता गांधी के साथ लाइव कंसर्ट में परफॉर्म करने वाले हैं। इंदौर में अरमान मलिक का यह पहला लाइव कंसर्ट है और उन्होंने इसके लिए एक खास गाना भी तैयार किया है। अरमान ने बताया कि मैं पहला सिंगर हूं परिवार में, लेकिन संगीत से जुड़े मेरे खानदान के हर सदस्य ने मुझे इसके लिए सपोर्ट किया है। मैंने बचपन में ही सोच लिया था कि मैं खुद की पहचान बनाऊंगा।
बचपन से सीखा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत : निकिता गांधी ने बताया कि इंदौर में इससे पहले हाल ही में बादशाह के साथ परफॉर्म करने के लिए आ चुकी हूं। बचपन से ही हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखा है, लेकिन मौका तमिल, तेलुगु, बंगाली और चाइनीस फिल्मों में भी मिला है। निकिता का कहना है कि मुझे लगता है कि जब आप हर तरह का अभिनय कर सकते हो, तो गा भी सकते हो।
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