मुंबई: अर्जुन कपूर खुद को उन प्रीविलेज्ड स्टारकिड में से एक मानते हैं, जिनके लिए किसी भी बड़ी फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करना आसान होता है. हालांकि उनके लिए यह काम भी काफी चैलेंजिंग रहा है. शुरुआत के समय में अर्जुन खुद को खराब असिस्टेंट डायरेक्टर समझते थे.
एक इंटरव्यू के दौरान अर्जुन ने इस पर बात करते हुए कहा, ‘जब मैंने एडी (असिस्टेंट डायरेक्टर) के रूप में करियर की शुरुआत की थी, तो उस वक्त मुझे काम नहीं आता था. मुझे लगा था कि यह काम बहुत ही आसान होगा. मुझे यह कहने में बुरा लग रहा है, लेकिन मेरे जैसा इंसान, जो इसी माहौल में पला-बढ़ा है. जो बचपन से ही इन सब चीजों से वाकिफ है. इंडस्ट्री के होने की वजह से हमें यह सौभाग्य मिलता है कि हम किसी भी बड़ी फिल्म का हिस्सा बन सकते हैं. हमें गलतियां करने की छूट दी जाती थी, फाइनैंसियल पहलुओं को हटा दें, तो सेट पर हमें पूरी आजादी होती थी.’
अर्जुन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म पापा बोनी कपूर की प्रोडक्शन में बनी फिल्म शक्ति की एडिटिंग से की थी. उन्होंने इसकी एडिटिंग में हिस्सा लिया था. कुछ शॉट्स कट करने के बाद ट्रेलर की एडिटिंग में भी सहायक भूमिका निभाई थी. आगे चलकर अर्जुन असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में करण के साथ जुड़े.
अर्जुन कहते हैं, ‘मैं फिल्म कल हो न हो में असिस्टेंट डायरेक्टर था. मैं बहुत ही बुरा असिस्टेंट साबित हुआ. मैं सेट पर सो जाया करता था. निखिल सर के आने के बाद मैं सेट पर पहुंचता था. जो काम 15 मिनट में हो सकती है, उसे करने में मुझे चार घंटे लगा करते थे. मैं भले सेट पर लायक नहीं था लेकिन मुझे इस प्रोसेस से प्यार था. आगे चलकर मैंने सलाम ए इश्क में काम किया और यहां से बेहतर होता गया, मैंने वहां काम ढंग से सीखा और तब समझ आया कि आगे चलकर मैं फिल्म मेकिंग में अपनी किस्मत आजमा सकता हूं.’
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