मांड्या: कर्नाटक (Karnataka) में स्कूल आज (14 फरवरी को) फिर से खुल गए हैं. कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के अंतरिम आदेश के मुताबिक, स्टूडेंट्स को बिना किसी धार्मिक प्रतीक के साथ स्कूलों में एंट्री मिलेगी. लेकिन इस बीच कर्नाटक के मांड्या (Mandya) में छात्राओं के अभिभावक स्कूल के गेट पर महिला टीचर के साथ बहस करते हुए नजर आए.
हिजाब के साथ स्कूल में एंट्री पर रोक
बता दें कि कर्नाटक के मांड्या में रोटरी स्कूल के बाहर अभिभावकों ने एक महिला टीचर से बहस की. छात्रा हिजाब पहनकर स्कूल में एंट्री की कोशिश कर रही थी. तभी टीचर ने उसको रोक दिया और इसको लेकर टीचर और अभिभावकों में बहस होने लगी.
अभिभावकों ने क्यों की बहस?
एक अभिभावक ने कहा कि हम क्लास में स्टूडेंट को जाने देने की अनुमति की मांग कर रहे हैं. क्लासरूम में जाकर हिजाब हटाया जा सकता है लेकिन वो हिजाब के साथ एंट्री ही नहीं दे रहे हैं.
#WATCH | K’taka: Argument b/w parents & a teacher outside Rotary School in Mandya as she asked students to take off hijab before entering campus
A parent says,”Requesting to allow students in classroom, hijab can be taken off after that but they’re not allowing entry with hijab” pic.twitter.com/0VS57tpAw0
— ANI (@ANI) February 14, 2022
छात्राओं को हिजाब उतारने के लिए कहा
इसके अलावा मैसूर के निजामिया स्कूल में स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं को स्कूल कैंपस में एंट्री करने से पहले अपना बुर्का और हिजाब उतारने को कहा. तो छात्राओं ने अपना बुर्का और हिजाब उतार दिया और यूनिफॉर्म में क्लास में चली गईं. हालांकि कलबुर्गी जिले के जेवरगी के सरकारी उर्दू स्कूल के छात्राएं हिजाब पहनकर क्लास में शामिल हुईं.
लेकिन टीचर्स ने स्टूडेंट्स को हाई कोर्ट के आदेश के बारे में बताया और उनसे हिजाब हटाने के लिए कहा. जान लें कि कर्नाटक हाई कोर्ट आज (सोमवार को) क्लास में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से करेगा. अपने अंतरिम आदेश में बेंच ने स्टूडेंट्स को हिजाब के साथ-साथ भगवा शॉल और किसी भी धार्मिक प्रतीक को पहनने से रोक दिया है.
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