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निजी कंपनी के एरिया मैनेजर का अपहरण, कमरे में बंधक बनाकर पीटा,1.20 लाख रुपए छीने

March 19, 2022

  • व्यापारी और उसके कर्मचारी ने दिया वादरात को अंजाम, एफआईआर दर्ज

भोपाल। घोड़ा निक्कास स्थित कमल मेडिकल ऐजेंसी के संचालक व एक कर्मचारी ने एक निजी फार्मेसेसी कंपनी के कर्मचारी का अपहरण कर लिया। आरोपियों ने उसे घोड़ा निक्कास के एक मकान में बंधक बना लिया। जहां आरोपियों ने फरियादी के साथ जमकर मारपीट की और तीन बार में 1.20 लाख रुपए अपने खाते में जबरन ट्रांसफर करा लिए। इतना ही नहीं जेब में रखी बीस हजार रुपए की राशि भी आरोपियों ने छीन ली। वारदात को पुराने लेन-देन पर अंजाम दिया गया है। मामले में पुलिस ने अपहरण, धौंसदेकर वसूली और बंधक बनाने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। हनुमानगंज पुलिस के अनुसार राजीपिंडी विक्टा शिवा रेड्डी पुत्र बेगल रेडी (37) हैदराबाद का निवासी है। वह स्कर्स फार्मा सिटी प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में बतौर एरिया मैनेजर काम करता है। निजी कार्य से बीती 15 मार्च को भोपाल आया था। यहां कंपनी के कार्य से घेड़ा निक्कास में घूम रहा था। तभी उसे कमल मेडिकल ऐजेंसी का संचालक गौरव जैन और नितिन ने देख लिया। आरोपियों ने बाजार से ही युवक को जबरन एक बाइक पर बैठाकर अगवा कर लिया। दोनों उसे लेकर एक सूने आवास में ले गए। वहां उसे बंध कर बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद में 1.40 लाख रुपए की मांग की। उक्त रकम आरोपियों को फरियादी की कंपनी से लेना है। दरअसल पूर्व में आरोपियों ने फरियादी की कंपनी से कुछ दवा आर्डन की थीं। किन्ही कारणों से दवा लौटा दी गई थीं। जिसके एवज में कंपनी की ओर से 1.40 लाख रुपए ट्रांसफर नहीं किए गए। लंबे समय से फरियादी भोपाल नहीं आया था। 15 तारीख को उसे देखते ही आरोपियों ने अगवा कर लिया और बंधक बनाकर जमकर मारपीट की।



ऑनलाइन ट्रांसफर कराई रकम
पीडि़त ने पुलिस को बताया कि उसका काम केवल आर्डर नोट करना और भिजवाने तक का है। लेन-देन सीधा कंपनी में होता है। उसने आरोपियों को बताया था कि रकम लौटाने की जिम्मेदारी कंपनी की है। रकम नहीं देने की हालत में वह कंपनी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कराएं। इसके बाद भी आरोपी नहीं माने तो और मारपीट कर रकम उन्हीं से वसूल करने की बात पर अड़े रहे। तब रेड्डी ने 25 हजार रुपए आरोपियों को ऑन लाइन ट्रांसफर किए और बीस हजार रुपए केश दिए। आरोपी पूरी रकम मिलने पर ही जान बक्शने की बात पर अड़े रहे। मजबूरन फरियादी ने 45 हजार रुपए पत्नी से अपने खाते में मंगवाए और एक लाख रुपए अपनी कंपनी के मालिक उदय किरण से खाते में ट्रांसफर कराए। जिसमें से 95 हजार रुपए और दो बार में आरोपियों के खाते में ट्रांसफर किए। तब करीब पांच घंटे बाद आरोपियों ने फरियादी रिहा किया। जिसके बाद में उसने 17 मार्च को मालिक के साथ में थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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