नई दिल्ली। न्याय के देवता (god of justice) कहे जाने वाले शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं, तो वहीं अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं. शनिदेव(Shani Dev) की पूजा के लिए शनिवार (Saturday) उत्तम दिन माना गया है. शनि की चाल धीमी है यही वजह है कि अगर वो किसी की कुंडली में प्रवेश कर जाएं तो लंबे समय तक उनका प्रभाव रहता है. शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मिलने वाले कष्टों (sufferings) को दूर करने के लिए भी शनिवार के दिन बहुत सारे उपाय किए जाते हैं.
अगर आपकी में भी शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) या ढैय्या चल रही है तो शनिवार के दिन इन उपायों को करने से शनि दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
शनि के अशुभ प्रभाव को ऐसे कम करें:
शनिदेव की सच्चे मन से पूजा (Worship) की जाए तो वो अपने भक्तों को मुसीबत से बचा लेते हैं. ऐसे में शनिदेव के अशुभ प्रभाव(bad effect) को कम करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित करें. साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में 108 बार जप करें.
शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें. इसके साथ ही सात परिक्रमा करें.. उसी दिन शाम को पीपल की जड़ में सरसों का दीपक जलाएं.
मान्यता है कि शनि से संबंधित बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करे. इसके लिए ज्योतिष की सलाह जरूर लें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव ने बजरंगबली को ये वरदान दिया था वो उनके भक्तों को कभी नहीं सताएंगे. इसलिए शनिवार को हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए.
काले तिल, आटा, शक्कर का मिश्रण बनाकर हर शनिवार को चींटियों को खिलाएं. इससे शनि देव का अशुभ प्रभाव कम होता है.
शनिवार के दिन भगवान भोलेनाथ को जल में काला तिल मिलाकर अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति को गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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