नई दिल्ली (New Delhi) । हिंदी पंचांग के ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सबसे बड़ी एकादशी निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi ) व्रत का काफी महत्व माना जाता है। इस एक व्रत से सालभर में पड़ने वाली 24 एकादशियों के बराबर का फल मिलता है। उपासक इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं, लेकिन विष्णु जी को खुश करना इतना भी आसान नहीं है। दरअसल, इस व्रत के कई कठोर नियम हैं जिसका पालन करना अनिवार्य है, तभी इस व्रत का फल मिलता है। तो चलिए जानते हैं आखिर वो कौन से नियम है जिनका व्रत के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए।
24 एकादशियों के बराबर का फल देने वाली निर्जला एकादशी इस बार 31 मई 2023 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके उनकी विशेष कृपा पाई जा सकती है, लेकिन उसके लिए सोकर उठने से लेकर जमीन पर सोने तक कुछ कठोर नियमों का पालन करना होगा, तभी निर्जला एकादशी व्रत सफल होगा और इसका फल मिलेगा।
पर इस समय भूलकर भी न सोएं
निर्जला एकादशी के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने पर भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। एकादशी को जल्दी उठें। स्नान-ध्यान कर भगवान विष्णु की पूजा उपासना करें। इसके अवाला इस बात का खास ध्यान रखें की व्रती लोग दिन के समय में भूलकर भी न सोएं।
ब्रह्मचर्य का करें पालन
एकादशी व्रत के नियम के अनुसार उपासक को ब्रह्मचर्य का पालन (observance of celibacy) करना चाहिए। इसके लिए एकादशी से एक रात पहले ही जमीन पर चटाई बिछा कर सोना चाहिए और एकादशी की तिथि को भी जमीन पर चटाई पर ही सोना चाहिए।
दुसरों की बुराई करने से बचें
शास्त्रों के मुताबिक एकादशी के दिन किसी की भी बुराई करने से बचने की सलाह दी गई है। क्योंकि ऐसा करने पर भगवान विष्णु रुष्ठ हो जाते हैं और इससे व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है। इस दिन अपना ध्यान भगवान विष्णु के भजन कीर्तन में लगाने की सलाह दी गई है।
भूलकर भी तुलसी को न लगाएं हाथ
एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी (basil) दल न तोड़ें। दरअसल, भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है। ऐसे में ऐसा करने से भगवान अप्रसन्न होते हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के आधार पर पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved