नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े आईएसआईएस (ISIS) पुणे मॉड्यूल के तीन आतंकियों (terrorists) में से एक अरशद वारसी (Arshad Warsi) के शरजील इमाम और उमर खालिद से लिंक होने की बात सामने आ रही है। अरशद वारसी ने वॉट्सऐप पर कट्टरपंथी सांप्रदायिक ग्रुप बनाकर शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ मिलकर शाहीन बाग समेत तीन धरनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटाने का काम किया था। यह खुलासा इसके पहले दिल्ली पुलिस की ओर से दंगों को लेकर दाखिल की गई चार्जशीट में भी किया गया था।
अरशद वारसी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह भी पता चला है कि उसने सीएए और एनआरसी को लेकर धरनास्थल पर लोगों को बुलाने के लिए शरजील और उमर खालिद का पूरा सहयोग किया था।
कई वॉट्सऐप ग्रुप और संगठन बनाए : पुलिस के मुताबिक, अरशद वारसी ने कई वॉट्सऐप ग्रुप और संगठन बनाए थे। इसमें से एक ग्रुप दंगों से पहले 2019 में बनाया गया था। इससे यह शक बढ़ गया है कि उसने साजिश के तहत ऐसा किया था और पहले से ही इस बारे में लोगों को तैयार कर रहा था। पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि अरशद अखिरकार शरजील से कब और कैसे जुड़ा। उसके रिश्ते शाहनवाज से कैसे बने, जबकि उसने अपना बेस पुणे में बना रखा था।
अरशद के करीबी से भी पूछताछ : शाहीन बाग के अलावा अन्य दो घटनास्थल पर भीड़ जुटाने को लेकर अरशद खुलकर अभी कुछ नहीं बोल रहा है। कभी किसी का नाम लेता है तो कभी कहता है कि वह उसे सीधे तौर पर नहीं जानता है। पुलिस ने उससे जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की है, जबकि कई लोगों की तलाश में छापेमारी भी की जा रही है। अरशद के संपर्क में रहने वाले इनमें से ज्यादातर लोग एनसीआर के ही रहने वाले बताए गए हैं, जबकि मॉड्यूल के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी शाहनवाज से जुड़े फरार ये तीन आतंकी यूपी के विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं।
अरशद वारसी जेएनयू के छात्र और दंगों की साजिश के आरोपी शरजील के साथ पूरी तरह से सीधा एक्टिव था। आरोप यह भी है कि अरशद वारसी ने शरजील के साथ मिलकर सीएए-एनआरसी के दौरान दिल्ली की तमाम धार्मिक स्थलों और खास समुदाय के लोगों वाले इलाके में भड़काऊ पंपलेट बांटे थे, जिसमें कुछ मुद्दों को लेकर चक्का जाम करने और विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई थी।
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