उज्जैन। विक्रम कीर्ति मंदिर परिसर में स्थित पुरातत्व संग्रहालय एक नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। इस पर करीब 14 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। संग्रहालय के बहुमंजिला भवन का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका हैं, सिर्फ आंतरिक साज सज्जा बाकी हैं। संभावना है कि इस साल के दिसंबर माह तक इसका शेष काम भी पूरा हो जाएगा।
संग्रहालय के निदेशक पुरातत्ववेत्ता डॉ. रमण सोलंकी ने बताया कि उज्जैन के प्राचीन इतिहास को जानने व समझने का यह संग्रहालय प्रमुख केंद्र हैं, जो बीते 69 सालों से लगातार इतिहास के पन्नों को अपने में समेटे हुए हैं। इस पुरातत्व संग्रहालय में सालों पुरानी मूर्तियाँ, शिलालेख, स्थापत्य खंड आदि संग्रहित हैं। यहाँ सालों पुराने जीवाश्म भी मौजूद हैं। इन सभी के रख-रखाव को ध्यान में रखते हुए अब इस संग्रहालय का जीर्णोद्धार किया जा रहा हैं। अब शीघ्र ही शहर की यह धरोहर नए कलेवर व परिदृश्य में नजर आएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने संग्रहालय का भव्य स्तर पर निर्माण करवाया जा रहा है। शासन द्वारा इस पर करीब 14 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस बहुमंजिला भवन में 8 हाल बनाए गए हैं। इसके निर्माण के बाद पुरातत्व और इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों को संग्रहालय आकर इन वस्तुओं को देखने में और अधिक सहूलियत मिलेगी। संग्रहालय के नए भवन में लोगों को शिव गैलरी, कृष्ण गैलरी और जीवाश्म गैलरी अलग-अलग सेशन में मिलेगी। इसके अलावा पांडुलिपियों का भी अलग से सेशन बनाया गया हैं। फिलहाल संग्रहालय के विकास का लगभग 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सिर्फ आंतरिक साज सज्जा बाकी है। यह भी जल्द पूरी की जाएगी। संभावना है कि इस साल के अंत तक इसे पूरा कर दिया जाएगा।
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