उज्जैन। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए दो नई सोनोग्राफी मशीन स्वास्थ्य विभाग से मिली है। परंतु इनके संचालन के लिए अभी सोनोलॉजिस्ट नियुक्त नहीं हुए हैं। इधर निजी सोनोग्राफी सेंटरों पर मरीजों से एक ही तरह की जाँच के अलग-अलग तथा मनमाने रेट लिए जा रहे हैं। 700 बिस्तरों के सरकारी जिला अस्पताल तथा 450 बेड के चरक अस्पताल और 230 बेड के माधवनगर सरकारी अस्पताल में कोरोना महामारी के बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं में कुछ सुधार हुआ है लेकिन आधुनिक मूलभूत सुविधाओं की अभी भी दरकार है। संभाग के सबसे बड़े सरकारी जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा नहीं है। यही हाल माधवनगर सरकारी अस्पताल का है। यहां भी मरीजों को सोनोग्राफी के लिए बाहर जांच करानी पड़ रही है। हालांकि मातृ शिशु चरक अस्पताल में सोनोग्राफी जांच की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में सोनोग्राफी जांच सुविधा नहीं होने से मरीज सालों से परेशान है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जिला अस्पताल तथा माधवनगर अस्पताल के लिए दो नई सोनोग्राफी मशीन मिल गई है। सिविल सर्जन डॉ. पी.एन. वर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। शासन की ओर से भेजी गई दो नई सोनोग्राफी मशीनें प्राप्त हो चुकी है। इनमें से एक मशीन को जिला अस्पताल और दूसरी को माधव नगर अस्पताल में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनके संचालन के लिए शासन को दो नए सोनोलॉजिस्ट पदस्थ करने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही उनकी नियुक्ति होने के बाद दोनों अस्पतालों में मरीजों के लिए सोनोग्राफी सेवा शुरू कर दी जाएगी।
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