उज्जैन। शहरी क्षेत्र समेत उज्जैन जिले में कुल 89 सोनोग्राफी सेंटर हैं। इनमें से 3 सेंटरों ने सरेंडर कर दिया है और एक बंद हो चुका है। शेष 85 सोनोग्राफी सेंटर फिलहाल जिले में संचालित हो रहे हैं। अधिकांश पर एक ही तरह की जांच के अलग-अलग मनमाने रेट मरीजों से लिए जा रहे हैं। सीएमएचओ का कहना है कि सोनोग्राफी सेंटरों पर दर निर्धारण करना भोपाल मुख्यालय के क्षेत्राधिकार में आता है। हमारे दायरे में यह नहीं है। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में जहां एक ओर महामारी से त्रस्त लोगों से सिटी स्केन और एक्सरे के एवज में खूब लूटमार मची थी। चेस्ट की सिटी स्केन कराने के ही कोरोना काल के दौरान 10 से 12 हजार रुपए तक मरीजों से वसूले जा रहे थे। इसी तरह शहर सहित जिले में उस दौरान 89 सोनोग्राफी सेंटर भी संचालित हो रहे थे। अधिकांश सेंटरों पर मरीजों से सिटी स्केन सेंटरों की तरह ही मनमाने दाम किसी भी तरह की जांच के वसूले जा रहे थे।
हालांकि इस साल लोगों को तीसरी लहर में इनकी आवश्यकता नहीं के बराबर पड़ी, लेकिन जिले के ज्यादातर सोनोग्राफी सेंटरों ने अलग-अलग तरह की जांच के रेट अपने हिसाब से अभी भी तय कर रखे हैं। कई सेंटरों पर उसी तरह की सोनोग्राफी जांच के 900 रुपए तक लिए जा रहे हैं तो दूसरी जगह यही रेट दो से ढाई हजार तक वसूले जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग इन पर नकेल नहीं कस पा रहा है। यही कारण है कि बीमारी से परेशान लोग एक ही तरह की जांच के अलग-अलग सोनोग्राफी सेंटरों पर मनमाने रेट चुकाने को मजबूर हो रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इधर जिले के 89 सोनोग्राफी सेंटरों में से फिलहाल 85 सेंटर संचालित हो रहे हैं, क्योंकि इनमें से 3 सेंटरों में यूएसजी कंसलटेशन नागदा, शासकीय धनवंतरी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल आगर रोड और तेजनकर हॉस्पिटल विश्वविद्यालय मार्ग सरेंडर कर चुके हैं। जबकि सीएचएल मेडिकल सेंटर नानाखेड़ा बायपास मार्ग बंद हो चुका है।
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