भोपाल। राजधानी के भदभदा रोड स्थित मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में 25 करोड़ रुपए की लागत से एक्वा कल्चर पार्क बनाया जाएगा। तीन एकड़ में बनने वाले इस एक्वा कल्चर पार्क में लोग रंग-बिरंगी मछलियों को करीब से निहार सकेंगे। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाय) की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसकी घोषणा की। इसी तर्ज पर तमिलनाडु के रामनाथपुरम व अरुणाचल प्रदेश में 50 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड एक्वा कल्चर पार्क तैयार किया जा रहा है। मंत्री रूपाला ने मत्स्य उत्पादकों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले मछली पालकों को साहूकारों से 10 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता था, लेकिन अब इन्हें भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल रहा है। मछली पालन में महिलाओं की काफी ज्यादा भागीदारी है। मैं चाहता हूं कि इससे जुड़ी महिलाएं मोती की खेती का काम शुरू करें। इससे वे खुद के लिए मोती तैयार कर सकेंगी और पति की आय की समस्या का निदान भी करेंगी। जो महिलाएं अभी तक मोती खरीदने का काम करती हैं वे उसे पकाने का काम करे।
एप पर मिलेगी बीमारी व उपचार की जानकारी
मंत्री रूपाला ने बताया कि विभाग द्वारा एक एप तैयार किया गया है जिस पर मछली का फोटो डालने पर उसकी बीमारी व उपचारों के बारें में विशेषज्ञों से जानकारी मिल जाती है। इसे हिंदी व अंग्रेजी के अलावा प्रादेशिक भाषाओं में उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा।
झींगा उत्पादन में हम जल्द होंगे नंबर वन
झींगा उत्पादन में अभी भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है, जल्द ही हम नंबर वन पर होंगे। मत्स्य विभाग द्वारा सीड उत्पाद के साथ वैरायटी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के कृषि व मत्स्य विभाग के मंत्री तागे ताकी, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और मत्स्य उत्पादन से जुड़े 800 से अधिक लोग शामिल हुए। मत्स्य संपदा जागृति अभियान की शुरुआत शुक्रवार को हुई। इसके तहत देशभर में 108 मत्स्य किसान सम्मेलन होंगे।
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