डेस्क: दीवाली के बाद रात जैसे जैसे गहराने लगी, दिल्ली ही नहीं पूरे एनसीआर और उत्तर भारत में हवा जहरीली होती गई. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एयर क्वलिटी का स्तर 900 के आसपास पहुंच गया. 09.00 बजे के आसपास दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में एक्यूआई 900 के पास था तो 10 बजे के बाद ये स्थिति नोएडा में देखी गई.
हालांकि 12 बजे के आसपास दिल्ली में आनंद विहार के पास हवा की क्वालिटी ने होश उड़ा दिये. उसका AQI लेवल 900 के पार पहुंच गया. एनसीआईआर से सटे सभी इलाकों में हवा में जहरीले तत्व घुल गए हैं. सुबह के समय वल्लभगढ़ और यमुनानगर जैसे इलाकों में एक्यूआई 250-300 के बीच था, जो अपने आपमें प्रदूषण के लिहाज से गंभीर माना जाता है.
हवा में शुद्धता की माप करने वाली विश्वसनीय वेबसाइट aqicn.org के अनुसार अगले एक हफ्ते तक दिल्ली और एनसीआर में हवा में जहर 150-200 के आसपास ही रहने की उम्मीद है. इस वेबसाइट को दिल्ली में हवा की शुद्धता के आंकड़े दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं.
घर से कम बाहर निकलें
ऐसे में सलाह दी जाती है कि घर से बाहर बहुत कम निकलें. फिलहाल दिल्ली में हवा में जितना जहर घुला हुआ है. वो सांस के अलावा आंखों के लिए बहुत खतरनाक है. डॉक्टरों ने हिदायत दी है कि एक ओर कोरोना और मौसमी संक्रामक बीमारियां और दूसरी ओर इतना प्रदूषण, ये एक तरह से स्वास्थ्य पर डबल अटैक है.
अच्छा होगा कि लोग कम से कम बाहर निकलें. हार्ट और सांस की तकलीफ वाले वाले लोग मॉर्निंग वॉक बंद कर दें. मास्क लगाएं. एक्यूआई का सामान्य स्तर 0-50 के बीच ही होता है. डॉक्टरों का कहना है कि मुंह और नाक पर तो लोग मास्क लगाकर प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आंख (eye) से जुड़े खतरों से अनजान हैं, जबकि इतना प्रदूषण आंखों में अल्सर की समस्या पैदा कर सकता है.
बढ़ने लगता है आंखों के लिए खतरा
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि जैसे ही प्रदूषण अपने नॉर्मल इंडेक्स (air quality index) से ऊपर जाता है, आंख के लिए खतरा बढ़ने लगता है. इतने प्रदूषण में माइक्रो पार्टिकल्स आंख में जमा हो जाते हैं, लेकिन हमें दिखते नहीं. इससे एलर्जी, जलन, खुजली, पानी आने और लाली होने की समस्या आने लगती है. यह एलर्जी लंबे समय तक बनी रहेगी तो आंख की इम्यूनिटी कम हो जाएगी. जिससे इंफेक्शन और अल्सर होने का खतरा बढ़ जाएगा. इसलिए चश्मा लगाकर ही बाहर निकलें. बाहर से आ रहे हैं तो पीने के पानी से आंख को धुलें.
कितना खतरनाक हो गया था दीवाली की रात एक्यूआई
दीवाली के बाद एक्यूआई 50 की जगह 800-900 के स्तर पर पहुंचा तो फिर 12 घंटे बाद ये कम होकर 500-600 के आसपास हो गया, जो अपने आपमें खतरनाक ही है. सेहत के लिए ये वाकई नुकसान पहुंचाने वाला है.
दीवाली में हवा प्रदूषण के सबसे बड़े कारक
इस बार दीवाली पर दिल्ली और एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई और पटाखे जलाए गए हैं. इसके चलते हवा में PM 2.5 और PM 10 कण को स्तर बहुत बढ़ गया है. फिलहाल दिल्ली और एनसीआर में PM 2.5 का स्तर 600 के आसपास है और यही हालत PM 10 की भी है. हवा में दबाव भी बहुत ज्यादा है और आर्द्रता भी खासी है. हवा का बहाव बहुत कम है. लेकिन उम्मीद है कि ये स्थिति 24 घंटे बाद ही सुधरने लगेगी.
गले, फेफड़े और आंखों को नुकसान का खतरा
सांस लेते वक्त इन कणों को रोकने का हमारे शरीर में कोई सिस्टम नहीं है. ऐसे में पीएम 2.5 हमारे फेफड़ों में काफी भीतर तक पहुंचता है. पीएम 2.5 बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इससे आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ती है. खांसी और सांस लेने में भी तकलीफ होती है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?
प्रदूषण की समस्या मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया गया है. इंडेक्स बताता है कि हवा में पीएम-10, 2.5, PM10, PM2.5, सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) सहित 8 प्रदूषकों की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय किए गए मानकों के तहत है या नहीं.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
क्या हवा कुछ बेहतर होगी
अनुमान तो यही कहता है. aqicn.org का अनुमान कहता है कि 24 घंटे के अंदर ही दिल्ली और एनसीआर में हवा बेहतर होने लगेगी. एक्यूआई का लेवल तेजी से बेहतर होकर 150-200 के आसपास पहुंच जाएगा. ये स्थिति अगले पूरे सप्ताह तक रहने की उम्मीद है. हालांकि हवा की क्वलिटी बेहतर भी हो सकती है, लेकिन पराली, धुआं और धूल के चलते ये शायद ही 130 से नीचे जा पाए.
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