नई दिल्ली (New Delhi) । गर्मी (Heat) दस्तक देने लगी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में तापमान (temperature) में लगातार बढत देखने को मिल रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों के दौरान भारत (India) के उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी हिस्सों में तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है। इस बीच, 28 फरवरी से 2 मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ के चलते पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों के प्रभावित होने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25 से 27 फरवरी के बीच जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की / मध्यम छिटपुट बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है।
आने वाले दिनों में पश्चिमि विक्षोभ के कारण 28 फरवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों के प्रभावित होने की संभावना है। इस मौसम की घटना के प्रभाव में, 28 फरवरी से 2 मार्च तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी की उम्मीद है।
इसी अवधि के दौरान, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हल्की से छिटपुट वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। 28 फरवरी और 1 मार्च को कश्मीर घाटी में और 1 मार्च को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की उम्मीद है।
धीरे-धीरे बढ़ेगी गर्मी
आईएमडी ने अपने मौसम बुलेटिन में कहा, “अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होने और इसके बाद धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।”
इसी तरह अगले दो दिनों में गुजरात के अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है। हालांकि, इसके बाद तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी।
किसानों के लिए जारी हुआ अलर्ट
अगले तीन दिनों के दौरान महाराष्ट्र में अधिकतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं। दिन में अधिकतम तापमान अधिक रहने के कारण मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए भी परामर्श जारी किया है।
दिन में ज्यादा तापमान गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है क्योंकि गेहूं की फसल प्रजनन वृद्धि की अवधि के करीब पहुंच रही है, जो तापमान के प्रति संवेदनशील है। फूल आने और पकने की अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आती है। आईएमडी ने कहा कि अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर समान प्रभाव हो सकता है।
आईएमडी ने अपनी एडवाइजरी में किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसल की स्थिति जांच लें। इसमें आगे कहा गया है कि उच्च तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए, मिट्टी की नमी के संरक्षण और मिट्टी के तापमान को बनाए रखने के लिए सब्जियों की फसलों की दो पंक्तियों के बीच की जगह में मल्च सामग्री डालें।
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