इंदौर। पिछले दिनों शासन ने 30 फीसदी तक अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए कम्पाउंडिंग की ठप पड़ी प्रक्रिया को फिर से शुरू करवाया। पूर्व में इस बारे में जो आदेश दिए थे उसमें कुछ विसंगतियां थीं। हालांकि नगर निगम ने लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि हासिल कर ली थी। अब 31 दिसम्बर 2021 के पूर्व बनी बिल्डिंगों में ही कम्पाउंडिंग की अनुमति रहेगी। उसके लिए भी नक्शा मंजूर होना अनिवार्य है। साथ ही एमओएस पार्किंग में किए गए निर्माण वैध नहीं होंगे और उपयोग परिवर्तन भी मंजूर नहीं किया जाएगा। अभी निगम के भवन अधिकारियों ने लगभग 30 बिल्डिंगें ढूंढी है तो कम्पाउंडिंग के दायरे में आ सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले शासन ने 10 की बजाय 30 फीसदी तक कम्पाउंडिंग करने की सुविधा दी थी। मगर उन्हीं निर्माणों को इसके दायरे में लिया जा सकता है जिनके मंजूर करवाए गए।
उदाहरण के लिए आवासीय या वाणिज्यिक नक्शा मंजूर करवाने के बाद बिल्डर ने 30 फीसदी या उससे अधिक अवैध निर्माण कर लिया है तो उसमें से स्वीकृत योग्य 30 फीसदी को वैध किया जा सकेगा। मगर पार्किंग और एमओएस में किए गए निर्माण इस श्रेणी में नहीं आएंगे। उस वक्त बिल्डरों को यह सुविधा दी गई कि वे अपने अवैध निर्माणों का सेल्फ असेसमेंट करते हुए ऑनलाइन आवेदन के साथ कम्पाउंडिंग की राशि जमा कर दें। तब ताबड़तोड़ शहर के बिल्डरों ने यह राशि जमा कर दी, जो कि लगभग 100 करोड़ रुपए होती है। मगर इसमें कुछ विसंगतियां और शिकायतें प्राप्त हुई। दरअसल कुछ होशियार बिल्डरों ने अपने चल रहे प्रोजेक्टों में भी 30 फीसदी अधिक अवैध निर्माण कर यह राशि जमा कर दी। जबकि शासन की मंशा पूर्व में हो चुके निर्माणों को लेकर थी। लिहाजा अब जो शासन ने नए सिरे से आदेश जारी किए उसमें कम्पाउंडिंग के लिए कट ऑफ डेट अवैध कॉलोनियों की तरह तय कर दी। अब 31 दिसम्बर 2021 तक या उससे पूर्व निर्मित बिल्डिंगों या स्वयं के आवास में ही 30 फीसदी तक कम्पाउंडिंग का लाभ मिलेगा और इसके लिए भी 31 अगस्त तक आवेदन करना होंगे। सभी झोनों से निगम ने इस तरह की बिल्डिंगों को चिन्हित करना शुरू किया और लगभग 30 बिल्डिंगें ढूंढीं हैं, जिनकी कम्पाउंडिंग हो सकती है।
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