इंदौर। इंदौर की फल मंडी में इन दिनों सेब की बंपर आवक हो रही है। ये सेब कश्मीरी है, जो दिसंबर अंत तक बराबर शहर में आएगा। इसी बीच कल इंदौर फल मंडी में कश्मीर का ग्रान का माल (दागी सेब) बिकने के लिए आया, जो इंदौर मंडी में 10 से 30 रुपए प्रतिकिलो भी नहीं बिका।
इंदौर फल मंडी के व्यापारियों के मुताबिक, जो सेब पेड़ से खुद टूटकर गिर जाते हैं, उसे वहां की भाषा में ग्रान का माल कहा जाता है, जिसे यहां दागी सेब कहते हैं। कल फल मंडी में यही एक ट्रक सेब बिकने के लिए आया, जो 10 से 30 रुपए प्रति किलो (थोक) में भी इंदौर की फल मंडी में नहीं खरीदा गया। आमतौर पर कश्मीर से आने वाला यह दागी सेब यूपी, बिहार की मंडियों में बिकता है, लेकिन कल पहली बार कोई बाहरी व्यापारी इसे इंदौर फल मंडी में लेकर आया, लेकिन बोरों में भरकर आया आधे से ज्यादा सेब इंदौर से वापस गया।
बंपर आवक से इस साल आम आदमी की पहुंच में
अक्टूबर अंत तक शहर में हिमाचल के सेब की बंपर आवक रही। अब कश्मीरी सेब आने लगा, जो दिसंबर अंत तक आएगा। ये भी तीन क्वालिटी में आता है। इस बार सेब की पैदावार अच्छी होने से इंदौर की फल मंडी में सेब की काफी मात्रा में आवक हुई, जिसका फायदा आम आदमी को हुआ। आमतौर पर महंगे बिकने वाले सेब के दाम इस बार कम रहे, जिससे कि आम आदमी की पहुंच में भी सेब रहा। इंदौर की फल मंडी में इन दिनों कश्मीरी सेब की 10 से 15 गाड़ी की रोजाना आवक हो रही है। जब तक हिमाचल वाला सेब आ रहा था, तब भी हर दिन 10 से 15 गाड़ी सेब की आवक हो रही थी।
‘इंदौर में सबसे ज्यादा हिमाचल और कश्मीर का ही सेब आता है और सबसे बेस्ट क्वालिटी का सेब ही यहां पसंद किया जाता है। इस बार पैदावार अच्छी होने से आवक अच्छी हुई है। क्वालिटी और किस्म के अनुसार भाव तय होते हैं। हिमाचल के सेब की आवक भले ही बंद हो गई हो, लेकिन कोल्ड स्टोरेज से निकलकर हिमाचल का किन्नौर सेब बाजार में बिक रहा है, जो बाजार में 80 से 120 प्रतिकिलो तक बिक रहा है।’
– नरेश फुंदवानी, सचिव, इंदौर फ्रू ट मर्चेंट एसोसिएशन
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved