नई दिल्ली। दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल ने चीन को एक और झटका दिया है। उसकी एक और आपूर्तिकर्ता कंपनी पेगाट्रॉन ने भारत में आईफोन-14 (iPhone 14) बनाने (असेंबल) की शुरुआत कर दी है। यह एपल की दूसरी आपूर्तिकर्ता और कुल तीसरी कंपनी है, जो भारत में आईफोन-14 बना रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की विदेशी कंपनियों को आकर्षित (Attracted) करने की नीतियों और कोविड को लेकर चीन की सख्त पॉलिसी का असर दिखने लगा है।
दरअसल, एपल चीन (Apple China) पर अपनी निर्भरता घटाने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, कोरोना के बढ़ते मामले की वजह से चीन में लॉकडाउन (lockdown) लग रहा है। एपल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग इकाई फॉक्सकॉन के हजारों कर्मचारी कोरोना से पीड़ित हैं। इसलिए वहां काम ठप है। उत्पादन घटने की आशंका से फॉक्सकॉन सितंबर से ही भारत में आईफोन-14 बना रही है। एपल फिलहाल भारत (India) में आईफोन एसई, आईफोन-12, आईफोन-13 और आईफोन-14 मॉडल बनाती है।
पीएलआई योजना ने आसान की एपल की राह
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की विनिर्माण क्षमता के प्रतिद्वंदी के रूप में भारत खुद को स्थापित कर रहा है। इसके अलावा, अमेरिका एवं चीन के बीच बढ़ते तनाव और बीजिंग की कोविड जीरो नीति की वजह से एपल वैकल्पिक उत्पादन केंद्रों की तलाश कर रही है। भारत सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा कर एपल के लिए केंद्र के चुनाव को आसान कर दिया।
भारत में आईफोन बनाने वाली कंपनियां फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन (Foxconn, Wistron and Pegatron) विस्तार के चरण में हैं। चीन में नव वर्ष से पहले कंपनियां आईफोन उत्पादन बढ़ाना चाह रही हैं, लेकिन कोरोना की वजह से यह संभव नहीं है।
विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन नई इकाई खोलेंगी
फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन की तमिलनाडु (Tamil Nadu) में उत्पादन इकाई है। विस्ट्रॉन बंगलूरू में आईफोन बनाती है। एक अधिकारी ने कहा कि विस्ट्रॉन नवंबर अंत तक कोलार में एक और उत्पादन इकाई खोलने वाली है। उसमें उत्पादन जनवरी से शुरू होगा। विस्ट्रॉन के पास वर्तमान में कोलार औद्योगिक क्षेत्र में अपनी इकाई में आईफोन-14 बनाने के लिए चार असेंबली लाइन हैं। फॉक्सकॉन अपनी चेन्नई इकाई के पास एक और फैक्टरी लगाने वाली है। पेगाट्रॉन ने सितंबर में पहली बार एपल के लिए आईफोन बनाना शुरू किया था।
तीनों कंपनियां प्रोत्साहन योजना का हिस्सा
फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन तीनों कंपनियां सरकार के 41,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का हिस्सा हैं। फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन ने 2021-22 में पहले साल के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। पेगाट्रॉन ने इस साल से आईफोन बनाना शुरू कर दिया है। मार्च, 2023 तक वह भी लाभ का दावा करने के लिए पात्र होगी।
चीन में आईफोन का घट सकता है उत्पादन
वैश्विक आईफोन शिपमेंट में चीन का योगदान 2022 में 91.2-93.5 फीसदी तक घट सकता है। 2021 में यह 95.8 फीसदी था। भारत का योगदान वैश्विक शिपमेंट में इस साल के अंत तक 5 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी हो जाएगा। घरेलू मांग का 85 फीसदी देश में हो रहे उत्पादन से पूरा किया जाएगा।
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