नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Apple (एपल) काफी लंबे समय से एक इलेक्ट्रिक सेल्फ-ड्राइविंग कार पर काम कर रही है। एपल के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम टाइटन है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में यह सबसे लंबे समय से चली आ रही अफवाहों में से एक है। लेकिन कंपनी की ओर से आधिकारिक तौर पर अब तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
Apple कार एक इलेक्ट्रिक वाहन है जिस पर एपल काफी बारीकी से काम कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एपल कार में कस्टम-मेड carOS (कारओएस) दिया जा रहा है। यह टेस्ला इलेक्ट्रिक कार में इस्तेमाल किए जाने वाले एक सेंट्रल इंटीग्रेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम के जैसा ही है। ऐसी भी खबरें है कि एपल एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है जो कार के फंक्शन के हर पहलू को कंट्रोल कर सकता है।
सिरी देगी कमांड
एक नए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Apple ने अपनी पुरानी मूल पेटेंट फाइलिंग में से एक को संशोधित किया है और इसे एक नई टेक्नोलॉजी के साथ पेश किया है। नए पेटेंटे के मुताबिक कार Siri (सिरी) के कमांड से चलेगी और एक iPhone की तरह काम करेगी। साथ ही, संशोधित पेटेंट अपडेटेड ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी के साथ भी आता है।
सटीक जगह होगी पार्किंग
एपल के नए पेटेंट का नाम गाइडेंस ऑफ ऑटोनॉमस व्हीकल्स इन डेस्टिनेशन विसिनिटीज यूजिंग इंटेंट सिग्नल्स (इंटेंट सिंग्नल का इस्तेमाल कर गंतव्य क्षेत्रों में ऑटोनॉमस वाहनों का मार्गदर्शन) रखा गया है। यह स्मार्टफोन के टचस्क्रीन और आवाज पहचान प्रणाली (वॉयस रिकॉग्निशन सिस्टम) का इस्तेमाल करने के लिए कार को पार्क करने या जहां मालिक चाहता है इसे पार्क किया जाना है, उस जगह पर लाने जैसे कई काम को करने के लिए एक तरीका बताता है।
ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी होगी बेहतर
आवेदन के मूल चरण के दौरान, पेटेंट फाइलिंग का मकसद चालक को लोकेशन तक पहुंचाने के लिए ट्रिप के आखिरी एक प्रतिशत की दूरी को सटीक बनाना है। पेटेंट ने दावा किया कि वाहन के नेविगेशन सिस्टम ड्राइवर को डेस्टिनेशन के करीब लाने में वास्तव में अच्छे हैं। अब पेटेंट को अपडेट कर दिया गया है ताकि ऑटोनॉमस कार खुद को सटीक पार्किंग स्थल पर पार्क कर सके जहां मालिक इसे पार्क करना चाहता है या वह स्थान जहां वह चाहता है कि वह कार को गंतव्य तक पहुंचने के बाद छोड़ दे। टेक्नोलॉजी में यह बढ़ोतरी एपल कार की ऑटोनॉमस ड्राइविंग क्षमता को और बढ़ाएगी। इन कामों को करने में एपल की आवाज से चलने वाली पर्सनल एसिस्टेंट सिरी की भूमिका काफी अहम होगी।
वॉयस कमांड से होगा काम
Apple के पेटेंट से यह इशारा मिलता है कि कार में बैठे लोगों की आवाज (वॉयस कमांड) के जरिए कार को सिग्नल मिलेंगे। कमांड मिलने के बाद, कार का सिस्टम ऑनबोर्ड कैमरों और सेंसर को सटीक जगह का पता लगाने और वहां पहुंचने में सक्षम बनाती है।
कब होगी लॉन्च
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह मूल पेटेंट 2019 में दायर किया गया था, लेकिन हाल ही में इसे काफी अपडेट किया गया है। इसमें यह भी दावा किया गया है कि एपल ने अपने मूल पेटेंट फाइलिंग को पूरी तरह से वापस ले लिया है और इसके बदले नया दिया है। हालांकि Apple इलेक्ट्रिक कार की लॉन्चिंग की तारीख का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यह साल 2025 में बाजार में आ सकती है।
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