गोरखपुर। हमारी आकाशगंगा (Galaxy) से बाहर करीब 130 लाख प्रकार्श वर्ष (130 million type years) दूर हुए खगोलीय घटना (celestial event) के अध्ययन में वैज्ञानिकों (scientists) ने पाया है कि मैग्नेटार magnetar (विशेष प्रकार के न्यूट्रान तारे) निष्क्रिय अवस्था में भी सूर्य से एक लाख गुना ज्यादा चमकदार (a million times brighter than the sun) हो सकते हैं। इस खगोलीय घटना के अध्ययन में विस्फोट के चरम पर देखे गए, कई ऐसे स्पंदनों (दोलन) का रहस्योद्घाटन हुआ है, जिनसे इन खगोलीय पिंडों(celestial bodies) के बारे में अभी भी अल्पज्ञात विशाल चुंबकीय ज्वालाओं को समझना संभव हो पाएगा।
इससे तीव्र रेडियो विस्फोटों के बारे में और अधिक जानने का मार्ग प्रशस्त होगा। जो अब तक के खगोल विज्ञान में सबसे गूढ़ घटनाओं में से एक है।
3.5 मिली सेकंड में गायब हो गए स्पंदन
कुछ मिलीसेकंड (एक सेकेंड के हजारवें हिस्से) में चुंबकीय पुन: संयोजन प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। कुछ इसी प्रकार ही, इस जीआरबी 200415 (मैग्नेटार) में भी स्पंदनों का पता लगा, जो मुख्य विस्फोट के बाद लगभग 3.5 मिली सेकंड में गायब हो गए।
असीम उपकरण से पता लगा विस्फोट का
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर स्थित असीम नामक उपकरण द्वारा इस विस्फोट का पता लगाया गया था। असीम सात में से एकमात्र उपकरण था, जो बिना संतृप्ति के अपनी पूर्ण ऊर्जा सीमा में विस्फोट के मुख्य चरमता का प्रेक्षण कर सका। मात्र एक सेकेंड के डेटा के विश्लेषण के लिए एक वर्ष से भी अधिक समय लगा।
न्यूट्रॉन तारे क्या हैं
न्यूट्रॉन तारे अंतरिक्ष में पाए जाने वाले वे तारे हैं, जिनका भार सूर्य से 1.4 गुना ज्यादा है। इनका निर्माण तब होता है जब कोई बहुत भारी तारा नष्ट हो जाता है। सौर मंडल की मुकाबले इनका भार 10 से 29 गुना तक अधिक रहता है। अपरियमय घनत्व के कारण प्रोटोन और इलेक्ट्रान मिलकर न्यूट्रॉन में बदल जाते हैं, इसी कारण इन सितारों को न्यूट्रॉन स्टार का नाम दिया गया। इनका घनत्व बहुत ज्यादा होता है। इनकी खोज 1930 की दशक में हुई थी।
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