मुंबई। अपोलो हास्पिटल अपने 70 अस्पतालों, 400 क्लीनिकों, 500 कार्पोरेट स्वास्थ्य केन्द्रों और 400 फामे्र्रसी दुकानों के माध्यम से कोविड टीकों की बड़े पैमाने पर आम लोगों को उपलब्धि कराने की योजना बना रहा है। अपोलो ने दावा किया है कि वह अपने इन सेंटरों के माध्यम से हर रोज 10 लाख कोरोना वैक्सीन लोगों में वितरित करेगा और वैक्सीन के लिए घर पहुंच सेवा भी उपलब्ध कराएगा। इस सेवा के जरिए देश में कहीं भी 48 घंटों में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।
कोरोना वायरस वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत तक लॉन्च होने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार ने वैक्सीन की स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी तैयारियां तेज कर दी हैं। सरकारी और निजी ठिकाने तलाशे जा रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज पर फोकस है क्योंकि अधिकतर वैक्सीन को एक तय तापमान पर रखना और डिस्ट्रीब्यूट करना होता है। अगर तापमान बदला तो वैक्सीन बेअसर हो जाती है। डॉ वीके पॉल की अगुवाई में बने एक्सपर्ट ग्रुप ने पहले से मौजूद कोल्ड चैन को मैप कर लिया है। और कितने की जरूरत पड़ेगी, इसका अनुमान लगाया जा रहा है। दूसरी तरफ, अपोलो हॉस्पिटल ने कहा है कि वह एक दिन में 10 लाख कोरोना टीके लगाने को तैयार है। ग्रुप के पास 70 अस्पताल, 400 से ज्यादा क्लिनिक और 500 कॉर्पोरेट हेल्थ सेंटर्स हैं।
सरकार की कोशिश है कि वैक्सीन हासिल करने से लेकर उसे लोगों तक पहुंचाने तक की पूरी कवायद को रियल टाइम में ट्रैक किया जा सके। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह क्लाउड आधारित ऐसा सिस्टम है जो रियल टाइम में स्टॉक की पोजिशन और सप्लाई रूट की जानकारी देता है।
सबको वैक्सीन उपलब्ध कराने के हैं पर्याप्त इंतजाम
भारत के पास सभी जिलों में करीब 27,000 वैक्सीन स्टोरेज सेंटर्स हैं जो eVIN से जुड़े हुए हैं। लॉजिस्टिक्स मैनेज करने में कम से कम 40,000 फ्रंटलाइन वर्कर्स लगे हैं। स्टोरेज का तापमान चेक करने के लिए कम से कम 50 हजार टेम्प्रेसर लॉगर्स हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत के पास सबको कोरोना वैक्सीन मुहैया करोन की पर्याप्त क्षमता है।
कीमत पर कुछ नहीं कह रही सरकार
वैक्सीन की एक डोज कितने की होगी, सरकार इसपर अभी कुछ नहीं कर रही। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एचटी से कह, “दुनियाभर में ट्रायल से गुजर रहीं अधिकतर वैक्सीन डबल डोज वाली हैं। जब वैक्सीन अपनी सेफ्टी और प्रभावोत्पादकता (efficacy) साबित नहीं कर लेनी, उसकी कीमत का कोई भी आंकड़ा बेमानी है। एक बार वैक्सीन सेफ हो जाए तब कीमत पर बात हो सकती है। इसलिए इस वक्त हम कोई गेस नहीं करना चाहते।”
अपोलो ने कहा, 1 दिन में 10 लाख टीके लगाने की क्षमता
अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा है कि वह अपने नेटवर्क के जरिए एक दिन में 10 लाख टीके लगा सकता है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारत की करीब 30% आबादी अपोलो फार्मेसी से बमुश्किल 30 मिनट दूर है जिससे वैक्सीन की सुरक्षित और बेहतर पहुंच की गारंटी मिलती है। कंपनी के मुताबिक, उसके 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी जरूरी ट्रेनिंग से गुजर रहे हैं और अपोलो सेंटर्स पर वैक्सीन लगाने के लिए तैनात होंगे।
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