इन्दौर (Indore)। शहर में संचालित कई एम्बुलेन्स गम्भीर रूप से बीमार मरीजों के अलावा इलाज के दौरान मृत मरीजों के शव ढोने का भी काम कर रही हैं। डाक्टर्स का कहना है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह कानूनन बिल्कुल गलत है। इससे एम्बुलेन्स में ले जाए जाने वाले मरीज और उसके परिजनों को खतरनाक जानलेवा संक्रमण का खतरा हो सकता है।
इसके बावजूद शहर में कई प्राइवेट अस्पतालों में अटैच, निजी एम्बुलेंस चालक मोटी कमाई के चलते शहर और इंदौर से बाहर जाकर दूसरे शहरों और कस्बों में शव छोडऩे का काम कर रहे हैं। इस मामले में अन्य एम्बुलेन्स चालक स्वास्थ्य विभाग को एम्बुलेंस में शव उतारते या चढ़ाते हुए लाइव वीडियो और फोटो के साथ शिकायत कर चुके हैं, मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय प्राइवेट अस्पतालों के प्रभाव-दबाव के चलते इसे नजरअंदाज और अनदेखा करते आ रहे हैं।
इंदौर के डॉक्टर्स बोले- यह तो अपराध है
शहर के डॉक्टर्स का कहना है कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस वाहन (आईसीयू व्हील) मरीजों की जान बचाने के लिए होते हैं। इसमें मरीज की सुरक्षा के लिए हाईटेक एडवांस सपोर्ट सिस्टम लगाया जाता है, ताकि जीवन-मृत्यु से संघर्ष करते गम्भीर मरीज को आपातकालीन परिस्थितियों में भी हर हाल में बचाया जा सके। इसलिए एम्बुलेन्स वाहन को इंफेक्शन प्रूफ यानी वाहन को किसी भी संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी होता है। मगर निजी कंपनी के एम्बुलेंस वाहनों की मनमानी के चलते इनमें शवों को भी ढोया जा रहा है। यह एक तरह से गम्भीर अपराध है।
यह है विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन
विश्व स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार यदि गम्भीर रूप से पीडि़त मरीज की एम्बुलेन्स में मृत्यु हो जाती है तो उसे संक्रमणमुक्त करने के लिए फार्मोलिन से धोया जाता है, ताकि वाहन संक्रमण मुक्त हो सके। वैसे एडवांस लाइफ सपोर्ट वाहनों में शवों को लाने ले जाने की सख्त मनाही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे वाहनों में शवों को ढोना सख्त मना है । इसे आपराधिक कृत्य की श्रेणी में रखा गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved