उज्जैन। वर्षों से निजी स्कूल वाले कोर्स खरीदने के नाम पर पालकों पर मनमानी कर रहे थे, इस पर अब शासन ने नियम बना दिया है और जेल का प्रावधान किया है। किसी भी दुकान से कोर्स खरीदने की बाध्यता नहीं रहेगी। शहर के कई निजी स्कूल सत्र की शुरुआत से कुछ दिनों पहले ही अभिभावकों को बुलाकर मौखिक रूप से एक निश्चित दुकान से स्कूल ड्रेस किताब खरीदने के निर्देश देते हैं और इस पर उन्हें मोटा कमीशन मिलता है। इस पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों पर इस बार नकेल कसते हुए विशेष दुकानों से कापी किताब बेचने पर धारा 144 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए। आदेश का पालन करवाने का जिम्मा एसडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया है।
इस आदेश में कहा गया है कि निर्देशों में सिलेबस की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करवानी होगी। यह सूची वेबसाइट पर भी अपलोड करनी होगी। जमा की जाने वाली किताबों की सूची में प्रत्येक कक्षा की पाठ्य पुस्तक के लेखक प्रकाशक के नाम व मूल्य लिखना होगा। हर वर्ष सीबीएसई स्कूलों द्वारा विशेष दुकान से कापी किताब खरीदने का दबाव बनाने एनसीईआरटी की बुक ना चलाने और प्रवेश प्रक्रिया पर अनियमितताओं की शिकायतें हर साल मिलती है। शहर में चार पांच बुक हाउस संचालकों ने सभी निजी स्कूलों पर कब्जा कर रखा है और उनकी किताबें वहीं मिलती है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इस बार इस मामले में सख्ती बरती जाएगी। इसके अलावा टाई बेल्ट एवं यूनिफार्म भी स्कूल से नहीं बेची जाए इसके निर्देश दिए हैं और किसी विशेष दुकान से खरीदने के लिए भी विद्यार्थी और उनके पालकों को बाद में किया जाए, यदि ऐसा मामला पाया गया तो संबंधित स्कूल संचालक के खिलाफ धारा 144 में मामला दर्ज होगा और उसे जेल की सजा भी हो सकती है।
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