इंदौर। कोरोना महामारी में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन ऊंचे दामों पर बेचने के दो आरोपियों की अग्रिम जमानत विशेष न्यायाधीश राकेश गोयल ने खारिज कर दी। आरोपियों के विरुद्ध ईडी ने भी केस दर्ज किया था। आरोपियों के नाम दिनेश चौधरी निवासी अनुराग नगर और असीम भाले निवासी रवींद्र नगर हैं। कोविड महामारी के दौरान मई 2021 में इंदौर की विजय नगर पुलिस ने ग्लूकोज और नमक मिलाकर तैयार किए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन ऊंचे दामों पर बेचने का मामला पकड़ा था। इसी दौरान गुजरात पुलिस ने इस मामले में सूरत में एक फार्म हाउस पर छापा मारकर बड़े पैमाने पर ऐसे इंजेक्शन और अन्य सामान की बरामदगी भी की थी।
इसी मामले में ईडी द्वारा भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अलग से केस दर्ज किया गया था। ईडी ने गुजरात के आरोपी कोशालभाई वोरा, पुनीत और अन्य की करीब 3 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति भी अटैच की थी। ईडी के अनुसंधान में यह बात सामने आई कि गुजरात के कोशाल और पुनीत द्वारा दस हजार नकली इंजेक्शन तैयार किए गए थे। मप्र के सुनील मिश्रा ने इनसे 1200 इंजेक्शन खरीदे और सुनील से उक्त आरोपी असीम एवं दिनेश कुछ इंजेक्शन खरीदकर ऊंचे दामों पर बेच रहे थे। ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन द्वारा उनके अग्रिम जमानत आवेदन पत्र आपत्ति ली गई। कोर्ट ने सभी के तर्क सुनकर असीम व दिनेश के उक्त आवेदन निरस्त कर दिए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved