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    एंटीबॉडी टेस्ट से पता चलेगा नॉन कोविड को कैसे हुआ ब्लैक फंगस

  • May 22, 2021

    64 फीसदी मरीजों को तो ऑक्सीजन भी नहीं लगी… 124 मरीजों की सर्जरी एमवाय में की गई
    इंदौर।  कोरोना (Corona) का खतरा घटने लगा तो अब ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जो अत्यंत घातक भी साबित हो रहा है। देश के कुछ हिस्सों में ब्लैक के साथ व्हाइट फंगस भी मिलने लगा है, जो तेजी से संक्रमण फैलाता है। इधर इंदौर में ब्लैक फंगस के ऐसे आठ मरीज मिले हैं, जो कोरोना (Corona) से पीडि़त ही नहीं रहे। लिहाजा उनके एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody test) मेडिकल कॉलेज द्वारा कराए जा रहे हैं। वहीं अभी तक एमवाय में ही भर्ती ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 124 मरीजों की सर्जरी भी की जा चुकी है।


    इधर जो सेवानिवृत्त ईएनटी चिकित्सक व सर्जन हैं उन्हें संविदा नियुक्ति पर भी रखा जा रहा है, ताकि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में आसानी रहे। वहीं मेडिकल कालेज के डीन का कहना है कि 64 प्रतिशत मरीज तो ऐसे हैं, जिन्होंने ऑक्सीजन का इस्तेमाल ही नहीं किया, फिर भी ब्लैक फंगस (Black Fungus) का शिकार हो गए। जिस तरह अभी डेढ़ साल बाद भी कोरोना (Corona) का वायरस विशेषज्ञों और डॉक्टरों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है, क्योंकि उसमें लगातार म्यूटेशन और वेरिएंट के चलते इलाज की पद्धति भी बदलना पड़ रही है। डब्ल्यूएचओ ने जहां प्लाज्माथैरेपी से लेकर रेमडेसिविर को मरीजों के लिए बेअसर बताया, जबकि देश में इन दोनों के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में मरीज ठीक भी हुए हैं, लेकिन दूसरी तरफ इन इंजेक्शनों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के साथ-साथ स्टेरॉयड और अन्य दवाओं ने दूसरी बीमारियां बढ़ाना शुरू कर दीं, जिसमें म्यूकरमाइक्रोसिस यानी ब्लैक फंगस भी शामिल है। इंदौर में निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं। हालांकि मेडिकल कालेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित का कहना है कि जिले में 164 ब्लैक फंगस मरीजों का उपचार चल रहा है। संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर जिले में म्यूकरमाइक्रोसिस अर्थात् ब्लैक फंगस (Black Fungus) से संक्रमित मरीजों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में एमजीएम कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि वर्तमान में जिले में ब्लैक फंगस से ग्रसित 164 मरीजों में से 156 को एमवाय अस्पताल में पृथक से बनाए गए वार्ड में भर्ती किया गया है तथा 8 ऐसे मरीज जो नॉन कोविड (जिनकी कोरोना संक्रमण की हिस्ट्री नहीं पाई गई है) पाए गए थे उन्हें कैंसर अस्पताल में रखा गया है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने डीन डॉ. दीक्षित को ब्लैक फंगस से पीडि़त 8 नॉन कोविड मरीजों की कोविड हिस्ट्री ट्रेस करने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट कराने के निर्देश दिए। एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में बनाए गए वार्ड में वर्तमान में 175 बेड उपलब्ध हैं, जिन्हें आवश्यकता अनुरूप बढ़ाकर 200 तक किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस से पीडि़त मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन (amphotericin B injection) भी अभी उपलब्ध हैं।

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