इम्यूनिटी बूस्टर (immunity booster) का समर्थन करने वाले एक शोध के अनुसार, वैक्सीन पार्टनर Pfizer Inc और BioNTech SE की कोविड -19 वैक्सीन दोनों डोज के कुछ महीनों के भीतर ही इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, पुरुषों को महिलाओं की तुलना में कम सुरक्षा मिलती है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित 5,000 इजरायली स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार टीके की दूसरी डोज देने के बाद छह महीनों के भीतर सुरक्षात्मक एंटीबॉडी (protective antibodies) में लगातार कमी होती है।
अध्ययन के रिसर्चर गिल्ली रेगेव-योचे ने कहा कि दुनियाभर में शोधकर्ता कोरोनावायरस संक्रमण, गंभीर बीमारी और इससे होने वाली मौत को रोकने के लिए आवश्यक एंटीबॉडी की लेवल की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के अध्ययन से विभिन्न समूहों के लिए जोखिम के स्तर और उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों का आकलन करने में मदद मिलेगी। शेबा मेडिकल सेंटर के अध्ययन के अनुसार, स्वस्थ्य लोगों की तुलना में बूढ़े लोगों में एंटीबॉडी का स्तर कम पाया जाता है।
बूढें लोगों में कमजोर होती है इम्यूनिटी स्तर
रेगेव-योच ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि अमेरिका ने बूढ़े लोगों और पहले से बीमार रहने वालों के लिए अपनी बूस्टर सिफारिश पर प्रतिबंधित लगा दिया है। संभवतः अब वह अपनी पूरी आबादी को वैक्सीन की तीसरी डोज देने के लिए इजरायली फैसले का पालन करेगा।
जर्नल में प्रकाशित इज़राइल के दो अन्य अध्ययनों ने भी टीकाकरण के बाद दिल में सूजन की बात कही। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय और हदासाह हिब्रू यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के एक अध्ययन के अनुसार विशेष रूप से युवाओं को दूसरी डोज के बाद सूजन के मामले बढ़े हैं इसे मायोकार्डिटिस कहा जाता है।
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