पणजी । आतंकवाद को एक बड़ा खतरा बताते हुए (Describing Terrorism as a Major Threat) विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद विरोधी उपाय (Anti-Terror Measures) समय की जरूरत है (Need of the Hour) । गोवा में शंघाई संगठन निगम (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि इन सभी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्त के चैनलों को जब्त और अवरुद्ध किया जाना चाहिए।
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन उन्होंने अपने सभी समकक्षों का स्वागत किया, जो एससीओ के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है, और जैसा कि यह खतरा जारी है, आतंकवाद को रोकने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता और इसे हर तरह से रोका जाना चाहिए।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को यहां शुरू हुई, जयशंकर ने भी अपने समकक्षों के साथ बैठक की। जयशंकर ने एससीओ महासचिव झांग मिंग से भी मुलाकात की और भारत की एससीओ अध्यक्षता के लिए उनके समर्थन की सराहना की और कहा कि यह एससीओ को सुरक्षित करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है।
उन्होंने स्टार्टअप्स, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, बौद्ध विरासत और विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत प्रमुख क्षेत्रों को निर्धारित किया। शंघाई में 15 जून, 2001 को स्थापित, एससीओ में मूल रूप से रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे। बाद में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने।
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