नई दिल्ली (New Dehli)। कनाडा (Canada)एक ऐसा मुल्क है, जो खालिस्तानी (Khalistani)आतंकियों और गैगस्टर्स के लिए भारत विरोधी साजिशों (conspiracies)का लॉन्चिंग पैड (launching pad)बन गया है. इस बात की तस्दीक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (Tasdiq National Investigation Agency)के वो दस्तावेज भी कर रहे हैं, NIA के इन दस्तावेजों से इस बात का साफ पता चलता है कि कैसे कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडा के लिए किया जा रहा है. साथ ही आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ कनेक्शन भी सामने आया है.
हाल ही में विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडा खालिस्तानी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित स्वर्ग बन गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कनाडा खालिस्तान का एपिक सेंटर बन चुका है. NIA की जांच में साफ हो चुका है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल मुख्य तौर पर यूरोप और नार्थ अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय से फंड जुटाता है.
बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने कनाडा में अलग-अलग शहरों में सिख रैलियों और प्रदर्शन के जरिये भी फंड इकठ्ठा किया है. इस फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में किया गया. प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल की पहली यूनिट 1981 में कनाडा में ही बनी थी.
एनआईए (NIA) ने अपनी तफ्तीश में सबसे बड़ा खुलासा ये किया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल का संबंध भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी हैं, जिसके पुख्ता सबूत भारतीय जांच एजेंसी के पास मौजूद हैं. जांच में ये भी पता चला कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने दाऊद इब्राहिम के जरिये पाकिस्तानी आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तय्यब और इंडियन मुजाहिद्दीन की मदद से भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम दिया है.
साल 2002 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लखबीर सिंह के करीबी इक़बाल बंटी को अब्दुल करीम टुंडा करांची में दाऊद के बंगले पर भी लेकर गया था. जहां इनके बीच भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम देने को लेकर एक मीटिंग हुई थी. NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के तार पाकिस्तान के अलावा नार्थ अमेरिका, यूरोप और स्कैंडेनेविया तक फैले हैं.
साथ ही बब्बर खालसा का नेटवर्क यूएस, कनाडा, यूके, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, नोवत और स्विट्जरलैंड तक फैला है. बब्बर खालसा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से भारत के खिलाफ अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रहा है. जांच में ये भी सामने आया कि पाकिस्तान में मौजूद बब्बर खालसा इंटरनेशनल का चीफ वाधवा सिंह और गैंगस्टर से आतंकी बने हरिंदर सिंह रिन्दा दोनों मिलकर आईएसआई (ISI) के इशारे पर बब्बर खालसा की कमान संभाले हुए हैं और साल 2020 से हिंदुस्तान के खिलाफ पूरी तरह एक्टिव हैं.
क्या है बब्बर खालसा?
बब्बर खालसा इंटरनेशनल को ही बब्बर खालसा के नाम से जाना जाता है, जो खालिस्तान समर्थक एक आतंकवादी संगठन है. भारत और ब्रिटिश सरकार ने अलग सिख स्टेट की मांग करने वाले इस आतंकी संगठन को प्रतिबंधित कर रखा है.
इस आतंकी संगठन ने पंजाब में विद्रोह और आतंक फैलाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी. अलग खालिस्तान की मांग को लेकर बब्बर खालसा इंटरनेशनल की स्थापना साल 1978 में हुई थी.
1980 के दशक में ये आतंकी संगठन पंजाब में काफी सक्रिय था. जिसके चलते कई लोगों की जान गई. लेकिन 1990 के दशक में इस संगठन से जुड़े कई आतंकी पुलिस के साथ मुठभेड़ों में मारे गए. तभी से इस संगठन का प्रभाव घटने लगा था. बब्बर खालसा इंटरनेशनल को कनाडा, जर्मनी, भारत और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में एक आतंकवादी संगठन के जाना जाता है.
90 के दशक में खालिस्तान आंदोलन में सरकार की घुसपैठ और दूसरे आतंकवादी संगठनों ने बब्बर खालसा को कमजोर कर दिया था. इसी दौरान सुखदेव सिंह बब्बर (9 अगस्त 1992) और तलविंदर सिंह परमार (15 अक्टूबर 1992) की मौत ने बब्बर खालसा को खात्मे की तरफ मोड़ दिया था.
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