नई दिल्ली । प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव (Principal Secretary to Prime Minister) पी.के. मिश्रा (P.K. Mishra) ने कहा, “भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास (Anti-Corruption Efforts) विकास और सुरक्षा के लिए (For Development and Security) अनिवार्य है (Are Essential) ।” वे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित एक अलंकरण समारोह में 34 अधिकारियों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे ।
मिश्रा ने जोर देकर कहा कि भ्रष्टाचार सरकार में निष्क्रियता को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक अक्षमता को बढ़ावा देता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है । भ्रष्टाचार, चाहे छोटा हो या बड़ा, किसी न किसी का अधिकार छीन लेता है।” भ्रष्टाचार के अपराध से निपटना सभी का अधिकार और जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार का प्रभाव आम नागरिकों पर विशेष रूप से भारी है, समुदायों में गरीब और कमजोर व्यक्तियों पर और भी अधिक । उन्होंने कहा, तकनीकी विकास के साथ भ्रष्टाचार को रोकने के अवसर हैं, लेकिन ऐसे क्षेत्र भी हैं, जहां भ्रष्टाचार का पता लगाना अधिक कठिन हो सकता है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी जैसे क्षेत्रों में।
मिश्रा ने अभिनव भ्रष्टाचार विरोधी समाधानों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच वास्तविक समय की जानकारी साझा करने का भी आह्वान किया और रेखांकित किया कि भारत वित्तीय अपराधों सहित सीमा पार संबंधों के साथ विभिन्न प्रकार के अपराधों से लड़ने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अन्य देशों और एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की जरूरत पर बल दिया। भारत द्वारा हाल ही में आयोजित इंटरपोल महासभा (आईजीए) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आईजीए ने संकल्प लिया है कि सभी 195 इंटरपोल सदस्य देश सक्रिय रूप से और सामूहिक रूप से संगठित अपराध, वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करेंगे।
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