नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा (Haryana Legislative Assembly) ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के जरिए धर्मांतरण (conversion) कराने के खिलाफ एक विधेयक मंगलवार को पारित किया। कांग्रेस ने विधेयक पर विरोध (opposition to the bill) जताया और सदन से वॉक आउट किया। विधानसभा में चार मार्च को पेश किया गया यह विधेयक मंगलवार को चर्चा के लिए लाया गया। इस बिल के तहत जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश करने वाले को 10 साल की सजा हो सकती है। हरियाणा कैबिनेट (Haryana Cabinet) ने धर्मांतरण रोकथाम विधेयक 2022 को पहले ही इजाजत दे दी थी।
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने इस बिल को लेकर पहले कहा था कि भारत के संविधान की अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 के तहत सभी को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार है। लोगों को किसी भी धर्म के चयन करने का अधिकार और आजादी है। इसके बावजूद जबरन धर्मांतरण के मामले सामने आए हैं और इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ये कानून लेकर आई है। हरियाणा में धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम बिल (Haryana Conversion Prevention Bill) लाया गया है।
इस बिल में गलत बयानबाजी, गलत प्रभाव, जबरदस्ती, लालच या किसी तरह से शादी के लिए मनाना अब अपराध होगा। इस बिल से लोगों धार्मिक आजादी मिलेगी। इसका एक मात्र उद्देशय भारत में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को बनाए रखना होगा। हरियाणा में धर्मांतरण रोकथाम बिल का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया है। उन्होंने सरकार पर अलग-अलग समुदायों को विभाजित करने का आरोप लगाया। विधान सभा में आज मंगलवार को धर्मांतरण रोकथाम बिल पास होते ही कांग्रेस नेताओं ने सभा से वॉकआउट कर दिया।
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