नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान किसान आंदोलन के समर्थन में लोकसभा सदस्य हनुमान बेनीवाल ने नारेबाजी की और नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग की।
संसद के केंद्रीय कक्ष में बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने कृषि सुधार कानूनों का विरोध करते हुए नारेबाजी की। बेनीवाल ने इस दौरान तख्तियां भी लहराईं, जिन पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग लिखी थी। इस दौरान राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण जारी रखा।
कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से खुद को अलग करने वाले आरएलपी प्रमुख बेनीवाल ने लोकसभा को पत्र लिख पहले ही संसद की समितियों से इस्तीफा भी दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करते हुए बैठक में हिस्सा नहीं लिया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार करने का मतलब उनका अपमान करना नहीं है। हम किसानों के साथ खड़े हैं और मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में जब धन्यवाद प्रस्ताव आएगा और चर्चा होगी तो हम अपनी बात रखेंगे।
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि किसानों को इस ठंड में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले झेलने पड़े। ये तीनों कानून वापस होने चाहिए। इसके लिए आज हम लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और वहां नारे लगाए। हम लोगों को सेंट्रल हॉल में नहीं घुसने दिया गया। वहीं, वामपंथी दलों के सदस्यों ने कृषि कानूनों के विरोध में संसद भवन तक मार्च निकाला।
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