नई दिल्ली। एक समय में अपने कहर से पूरी दुनिया की रफ्तार रोक देने वाला कोरोना वायरस (corona virus) चीन की जिस लैब से लीक हुआ था उसे लेकर एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। एक रिसर्च में आशंका (Doubts in research) जताई गई है कि इसी लैब से पोलिया का एक बेहद इवॉल्व्ड स्ट्रेन लीक हुआ था। इस वायरस से साल 2014 में चीन के अन्हुई प्रांत में 4 साल का एक बच्चा संक्रमित हुआ था। इस लैब का नाम वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है और अमेरिकी एजेंसी एफबीआई का मानना है कि कोरोना वायरस भी इसी लैब से निकला था।
फ्रांस के पैश्चर इंस्टीट्यूट की ओर से कराई गई इस रिसर्च में पता चला कि WIV14 नाम का यह स्ट्रेन पोलियो वायरस के उस वैरिएंट से जेनिटकली 99 प्रतिशत मैच करता है जिसे वुहान की लैब में स्टोर किया गया था। इस रिसर्च ने चीन की लैब्स में सेफ्टी प्रोटोकॉल्स को लेकर सवाल और चिंताओं का दौर एक बार फिर शुरू कर दिया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी में अपनी संदिग्ध भूमिका को लेकर चीन की लैब्स को पहले ही शक की नजरों से देखा जा रहा है। अब ये नई रिसर्च चीनी लैब्स को लेकर रुख को और गंभीर कर सकती है।
यह रिसर्च पोलियो के WIV14 स्ट्रेन से जुड़ी हुई है जिसकी सबसे पहले पहचान साल 2014 में एक बच्चे के सैंपल में हुई थी। इस बच्चे को अन्हुई इलाके में उस समय फैली हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के आउटब्रेक के बीच डायग्नोस किया गया था। बच्चे में WIV14 डिटेक्ट होने के बाद वैज्ञानिक शॉक में आ गए थे। जेनेटिक एनालिसिस में पता चला कि WIV14 स्ट्रेन Saukett A स्ट्रेन से काफी मिलता-जुलता है जो कि एक पोलियो पैरिएंट है जिसे 1050 के दशक में डेवलप किया गया था। इसका इस्तेमाल वैक्सीन के निर्माण में होता रहा है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन की लैबोरेटरीज को लेकर सवाल उठने फिर से शुरू हो गए हैं। पिछले साल फरवरी में यह दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चीन की सरकार के नियंत्रण वाली एक लैब से लीक हुआ था। हालांकि, चीन ने इससे इनकार किया है। लेकिन, अमेरिका समेत कई देश इसके पीछे चीन को ही जिम्मेदार बताते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस चमगादड़ से निकला था और वुहान की लैब में चमगादड़ों पर ही रिसर्च हो रही थी। जहां पर कोरोना का पहला मामला मिला था वह इसी लैब के पास है।
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