नई दिल्ली। भारत सरकार ने बायोलॉजिकल-ई को 30 करोड़ रुपये का ऐडवांस पेमेंट करने का फैसला लिया है। बदले में कंपनी कोविड-19 वैक्सीन की 30 करोड़ डोज रिजर्व रखेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह सभी डोज अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच बनाकर स्टॉक कर ली जाएंगी। ऐडवांस में वैक्सीन मैनुफैक्चरिंग के प्रस्ताव को वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन पर बने नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) ने जांचा है। आइए आपको इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार, जो वैक्सीन बायोलॉजिकल-ई बना रही है वह RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। इसमें SARS-CoV-2 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) के डिमेरिक फॉर्म का ऐंटीजेन की तरह इस्तेमाल होता है। वैक्सीन की क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें एक एडजुवेंट CpG 1018 भी मिलाया गया है। यह वैक्सीन दो डोज में उपलब्ध होगी। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगेगी।
अबतक हुए ट्रायल में कैसे रहे हैं नतीजे?
कंपनी को 24 अप्रैल को फेज 3 ट्रायल करने की मंजूरी मिली थी। फेज 1/2 ट्रायल नवंबर 2020 में शुरू हुए थे। 360 लोगों पर हुए ट्रायल के आंकड़े क्या रहे, यह तो कंपनी ने नहीं बताया था। मगर बायोलॉजिकल-ई की एमडी महिमा डाटला ने कहा था कि ‘नतीजे काफी सकरात्मक और उम्मीद जगाने वाले रहे हैं।’ फेज 3 ट्रायल देश में 15 जगहों पर 1,268 पार्टिसिपेंट्स पर किया जाएगा। कंपनी पूरी दुनिया में अपनी वैक्सीन का ट्रायल कर रही है।
वैक्सीन कितने में मिलेगी? कब तक आएगी?
केंद्र सरकार इस वैक्सीन की 30 करोड़ डोज के लिए 1500 करोड़ रुपये देगी। यानी उसे एक डोज के लिए 50 रुपये चुकाने होंगे। प्राइवेट मार्केट में वैक्सीन की कीमत अभी तय नहीं है। हालांकि इस वैक्सीन का दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन कहा जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन की कीमत 1.5 डॉलर प्रति डोज (करीब 110 रुपये) हो सकती है। वैक्सीन की मैनुफैक्चरिंग अगस्त से शुरू हो जाएगी। यानी उसके सितंबर से सेंटर्स पर उपलब्ध होने की संभावना है। तारीख को लेकर सरकार ने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है। अभी तक यही बोला गया है कि अगले कुछ महीनों में वैक्सीन उपलब्ध होगी।
अभी कौन सी वैक्सीन उपलब्ध हैं?
देश में अबतक तीन कोविड-19 वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी गई है। जनवरी में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield और भारत बायोटेक की Covaxin को अप्रूवल मिला था। रूस में बनी Sputnik V वैक्सीन को अप्रैल में मंजूरी दी गई। इन तीनों में से भारतीयों को सबसे ज्यादा डोज कोविशील्ड की लगी हैं। करीब 90% लोगों को यही वैक्सीन दी गई है। कोवैक्सीन कई जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही। हालांकि दोनों वैक्सीन की सप्लाई जुलाई-अगस्त से रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। स्पूतनिक वी की ज्यादा डोज भारत में उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि 30 लाख डोज की एक खेप पिछले दिनों देश में आई है। इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज समेत कुछ अन्य कंपनियां कर रही हैं।
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