नई दिल्ली । देश में सोमवार से 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों का कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) शुरू हो गया है। उन्हें अभी सिर्फ कोवैक्सीन (covaccine) लगाने की मंजूरी दी गई है। हालांकि, देश के पास बच्चों (children) का एक और टीका जायकोव-डी (Jaykov-D) भी उपलब्ध है। लेकिन, सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह पर फैसला किया है कि पहले इस टीके का वयस्कों पर असर देखा जाएगा। उसके बाद ही बच्चों को देने पर फैसला लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जायकोव डी को 12-90 साल के लोगों के इस्तेमाल की आपात मंजूरी मिली है। इन आयु वर्ग के लोगों पर इसके परीक्षण भी हुए हैं। लेकिन, टीकाकरण पर बने विशेषज्ञों के समूह ने यह भी सुझाव दिया था कि चूंकि यह दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है, इसलिए थोड़ी और सावधानी बरती जानी चाहिए। इसे पहले वयस्कों को ही इसे प्रदान किया जाए। उनमें इसके संभावित दुष्प्रभावों को देखने के बाद ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों को इसे प्रदान किया जाए।
जायकोव डी सात राज्यों में करीब 33 लाख लोगों को लगाया जाएगा
अधिकारी ने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखकर अभी इसे 18 साल से अधिक आयु के लोगों को ही प्रदान किया जाएगा। इसके लिए जायडस कैडिला को जायकोव डी की एक करोड़ खुराक खरीदने का आदेश दिया जा चुका है। इस महीने यह खुराक मिलनी शुरू हो जाएगी। सात राज्यों में करीब 33 लाख लोगों को यह टीके लगेंगे, क्योंकि यह तीन खुराक वाला टीका है। इन 33 लाख लोगों पर इसके इतर प्रभावों को देखने के बाद ही बच्चों को इसे देने का निर्णय लिया जाएगा। इसलिए कम से कम अगले तीन महीनों के तक इस टीके का इंतजार अभी करना होगा।
जायकोव डी पहली डीएनए वैक्सीन
बता दें कि जायकोव डी भारत की ही नहीं दुनिया में इंसानों को लगने वाली पहली डीएनए वैक्सीन है। इस बीच 15-18 साल के बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। हालांकि, कोवैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी हुई है। लेकिन, अभी यह 15 से ऊपर के बच्चों को ही दी जा रही है।
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