इंदौर (Indore)। निर्माणाधीन इंदौर-अकोला फोर लेन नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में एक और सुरंग का इजाफा हो सकता है। यह सुरंग बलवाड़ा रेलवे स्टेशन के आसपास बनाने पर विचार हो रहा है। हालांकि, दूसरे विकल्प के रूप में रेल ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी है, जिस पर नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को निर्णय लेना है। फिलहाल प्रोजेक्ट के तहत दो सुरंग बनाई जा रही हैं।
पहली सुरंग सिमरोल के पास बनाई जा रही है, जिसकी लंबाई करीब 300 मीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा तैयार हो चुका है। दूसरी सुरंग का काम बाईग्राम के पास हो रहा है, जिसकी लंबाई 480 मीटर है। यदि बलवाड़ा के पास प्रोजेक्ट की तीसरी सुरंग बनाने का निर्णय होता है, तो इससे लागत और बढ़ेगी। ये सभी सुरंगें भले ही फोर लेन प्रोजेक्ट में बन रही हों, लेकिन इनकी चौड़ाई भविष्य की जरूरतों के हिसाब से सिक्ल लेन रखी जाएगी। एनएनएआई को उम्मीद है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद आगामी 10-15 साल के भीतर ही इस फोर लेन हाईवे को सिक्स लेन में बदलने का फैसला लेना पड़ सकता है। इसीलिए अभी से तैयारी जरूरी है।
एनएचएआई हर प्रोजेक्ट में बड़े स्ट्रक्चर ज्यादा चौड़े बनाए जाते हैं, ताकि भविष्य में हाईवे की चौड़ाई बढ़ाना पड़े, तो सुरंग, बड़े पुल या फ्लायओवर को चौड़ा करने में किसी तरह की तकनीकी दिक्कत न आए। इंदौर बायपास के तेजाजीनगर जंक्शन से बलवाड़ा तक इंदौर-अकोला हाईवे का काम मेघा इंजीनियरिंग कंपनी कर रही है। फिलहाल वह दो सुरंगों का निर्माण इसी हाईवे पर कर रही है, इसलिए तीसरी सुरंग बनाने का फैसला होता है, तो उसे अलग से कोई बहुत ज्यादा इंतजाम नहीं करना पड़ेंगे। केवल टनलिंग मशीन को एक से दूसरी जगह ले जाना पड़ेगी।
ओवरब्रिज बना तो डेढ़ किमी लंबा होगा
बलवाड़ा के पास जिस स्थान पर सुरंग बनाने पर विचार हो रहा है, वहां यदि ओवरब्रिज बनता है तो उसकी लंबाई लगभग डेढ़ किलोमीटर और चौड़ाई 60 मीटर होगी। सुरंग की लंबाई इससे कुछ कम हो सकती है। दोनों ही काम कठिन हैं और उन्हें पूरा करने में काफी समय लगता है। सूत्रों ने बताया कि बलवाड़ा में सुरंग बनेगी या रेल ओवरब्रिज, इसका फैसला एक-डेढ़ महीने में होगा। बारिश बाद दिशानिर्देशों के अनुरूप काम किया जाएगा।
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