नई दिल्ली. महंगाई की मार (Effect of inflation) झेल रहे आम जनता को एक और झटका लग सकता है. दरअसल, नैचुरल गैस (Natural Gas) की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि (record growth) के बाद सीएनजी (CNG) 8 से 12 रुपये प्रति किलो महंगी (expensive) हो सकती है जबकि रसोई गैस (LPG) के भाव में 6 रुपये प्रति यूनिट का इजाफा (increase) किया जा सकता है. विश्लेषकों (Analysts) ने यह अनुमान जताया है.
सरकार ने पिछले सप्ताह पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस (APM Gas) के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया. वहीं, मुश्किल क्षेत्रों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 9.92 डॉलर से बढ़ाकर 12.6 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गई है. इसी दर के आधार पर देश में उत्पादित गैस के लगभग दो-तिहाई हिस्से की बिक्री होती है.
एपीएम गैस की कीमतें सिर्फ एक साल में लगभग 5 गुना बढ़ गई
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) ने कहा कि एपीएम गैस की कीमतें सिर्फ एक साल में लगभग 5 गुना बढ़ गई हैं. सितंबर, 2021 में इसकी कीमत 1.79 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से सितंबर 2021 में 8.57 डॉलर तक पहुंच गई थी.
कच्चे माल की ऊंची लागत की वजह से सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी
एमएमबीटीयू गैस मूल्य में प्रत्येक डॉलर की वृद्धि पर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) संस्थाओं को सीएनजी की कीमत 4.7 से 4.9 रुपये प्रति किलो बढ़ानी पड़ती है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, कच्चे माल की ऊंची लागत के प्रभाव को पूरी तरह से दूर करने के लिए सीएनजी और पीएनजी (CNG and PNG) की कीमतों में 6.2 रुपये प्रति मानक घनमीटर और 9 से 12.5 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि करने की आवश्यकता होगी.
जेफ्रीज ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और पीएनजी की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड को सीएनजी की कीमत 8 रुपये प्रति किलो बढ़ाने की जरूरत होगी, जबकि मुंबई में खुदरा विक्रेता महानगर गैस लिमिटेड को कीमतों में 9 रुपये की बढ़ोतरी करनी होगी.
घरेलू गैस मूल्य फार्मूले पर फिर से विचार करने की जरूरत
कोटक ने कहा कि कई कारणों से घरेलू गैस मूल्य फार्मूले पर फिर से विचार करने और ‘फ्लोर/सीलिंग’ मूल्य पेश करने की गंभीर आवश्यकता है.
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